बात 1996 की है.. देश मे आम चुनाव सम्पन्न हो चुके थे, अल्पमत में होने के कारण अटल जी की सरकार गिर चुकी थी, कोई भी दल बहुमत या बहुमत के करीब नहीं था.. तब देश मे जितने भी क्षेत्रीय दल थे उन्होंने विचार किया कि सबलोग मिलके तीसरे मोर्चे की सरकार बनाते हैं..
तब प्रधानमंत्री पद के लिए दो चेहरे थे.. एक समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और दूसरे एचडी देवगौड़ा... एक सर्वदलीय मीटिंग रखी गयी प्रधानमंत्री चुनने के लिए.. सभी पार्टी के मुखिया ने अपना अपना वोट दिया.. मुलायम सिंह और देवगौड़ा को बराबर बराबर वोट मिले..
अब आखिरी वोट पड़ना बाकी था, और आखिरी वोट था लालू यादव का.. जिसको लालू जी वोट करते वो प्रधानमंत्री बनता.. पूरे हॉल में लोगों के बीच उत्सुकता थी कि लालू जी किसके नाम का समर्थन करते हैं, कौन देश का अगला प्रधानमंत्री बनता है? मुलायम सिंह आश्वस्त थे कि लालू जी का वोट उन्हें ही मिलेगा.
उस समय लालू जी पान चबा रहे थे. जैसे ही बोलने के लिये उन्होंने अपना मुँह खोला, पान का पीक उनके कुर्ते पर गिर गया. ये देखते ही अचानक ही लालू जी के मुँह से दो शब्द निकल पड़ा "ले
ड़ा".. मीटिंग में मौजूद लोगों को लगा कि लालू जी ने देवगौड़ा बोला.. और इस तरह देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने।
