रिहाना, ग्रेटा, मियाँ अब इस देश के अहम मुद्दे हैं, उधर बरेली में एक युवक ने जहर खा कर अपनी जान दे दी। कारण ‘नेट क्वालिफ़ाई’ करने के बाद भी नहीं लगी कोई नौकरी। NET देश की कठिन परीक्षाओं में से एक है, बेरोजगारी ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। आज भारत को सही मुद्दों का चुनाव करना होगा।
सरकारें चर्चा तो करें, जनता सवाल तो पूछे, बिना नौकरी के 100 रु लीटर वाला पेट्रोल लेने के लिए अगर 30 वर्षीय युवक को दूसरों के आगे हाथ फैलाने पड़े तो ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी। भर्तियों का क्या स्टेटस है जवाब दे सरकार।
कागजी आँकड़ों से न भारत आत्मनिर्भर बन सकता है और न ही विश्वगुरु।
कागजी आँकड़ों से न भारत आत्मनिर्भर बन सकता है और न ही विश्वगुरु।
UP पुलिस में SI भर्ती की घोषणा 2018 से ही लगातार चल रही है, ना जाने कितने ओवर एज हो चुके हैं और ना जाने कितने हो जाएँगे। लाखों छात्रों का भविष्य आज अधर में है। अगर सरकार पैरेलल व्यवस्था बनाना चाहती है तो ब्लूप्रिंट जनता के सामने रखे। गरीब परिवार का दर्द समझे, जो आपके साथ खड़ा है।