#काँग्रेस_के_कुकर्म और #दिल्ली_का_धृष्ठराज
मेरे एक बात समझ में नहीं आती #काँग्रेसियों_की_मालकिन
#एंटोनियो_माइनो
#इटली और #रूस की 'खुफिया एजेंसी"के लिए काम करती थी और आज तो #चीन, #पाकिस्तान जैसे देशों के लिए ये पूरा #चोर, #लुटेरा, #हत्यारा, #धोखेबाज...
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#ख़ानदान

काम आज भी करता है...
लेकिन हमारे #देश_की_जनता को कुछ #दिखाई नहीं देता क्यों???


अब #दिल्ली_का_धृष्ठराज @ArvindKejriwal
भी अमेरिका का #CIA एजेंट है

मैंने एक थ्रैड में जिक्र किया था कि कोई भी देश दूध का धुला हुआ नहीं है,सभी को #विश्व_शक्ति के रूप में



लेकिन हमारे #देश_की_जनता को कुछ #दिखाई नहीं देता क्यों???








उभरकर #सर्वश्रेष्ठ दिखना है,चाहे #अमेरिका हो, #रूस हो या #चीन हो


लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि हमारे भारत देश के लिए ही क्यों इतने #षड्यंत्र क्यों रचे जाते हैं???
इसका सीधा सा जवाब है कि हमारे देश में अर्श से लेकर फर्श तक एक #गद्दार_देशद्रोही ढूँढो, #हजार मिलेंगे











क्योंकि बस फ्री फ्री फ्री मिलता रहे,

सब्सिडी मिलती रहे


आलू,टमाटर,प्याज,पेट्रोल,डीजल आदि सस्ता मिलता रहे




सिर्फ अपने निजिस्वार्थ पूरे होने चाहिए




हमारे देश के साथ और हमारे देश में हो क्या









चाहते है और ये वही है जिनको हम बखूबी जानते भी हैं


#काँग्रेस_अध्यक्ष "सोनिया गांधी" की #अध्यक्षता वाली एनजीओ गिरोह " #राष्ट्रीय_सलाहकार_परिषद(NAC’ने घोर "सांप्रदायिक और लक्ष्य केंद्रित हिंसा निवारण अधिनियम" का ड्राफ्ट तैयार किया था।
NAC की एक प्रमुख सदस्य #अरुणा_राय के साथ




NAC की एक प्रमुख सदस्य #अरुणा_राय के साथ
मिलकर केजरीवाल ने सरकारी नौकरी में रहते हुए NGO की #कार्यप्रणाली समझी और फिर‘ #परिवर्तन’नामक NGO से जुड़ गया।
केजरी लंबे अरसे तक"राजस्व विभाग"से छुटटी लेकर भी सरकारी तनख्वाह ले रहा था और #NGO से भी वेतन उठा रहा था।
जो"श्रीमान ईमानदार"को कानूनन भ्रष्टाचारी की श्रेणी में रखता है
केजरी लंबे अरसे तक"राजस्व विभाग"से छुटटी लेकर भी सरकारी तनख्वाह ले रहा था और #NGO से भी वेतन उठा रहा था।
जो"श्रीमान ईमानदार"को कानूनन भ्रष्टाचारी की श्रेणी में रखता है

अमेरिकी नीतियों को पूरी दुनिया में लागू कराने के लिए अमेरिकी खुफिया ब्यूरो "सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी"( #सीआईए)अमेरिका की मशहूर कार निर्माता कंपनी "फोर्ड’ द्वारा संचालित ‘फोर्ड फाउंडेशन’ एवं कई अन्य फंडिंग एजेंसी के साथ मिलकर काम करती रही है।
1953 में फिलिपिंस की पूरी राजनीति व

चुनाव को #सीआईए ने अपने कब्जे में ले लिया था।
#केजरीवाल की ही तरह सीआईए ने उस वक्त फिलिपिंस में"रेमॉन मेग्सेसाय"को खड़ा किया था और उसे #फिलिपिंस का राष्ट्रपति बनवा दिया था।
केजरीवाल की ही तरह‘रेमॉन मेग्सेसे का भी पूर्व का कोई राजनैतिक इतिहास नहीं था
"रेमॉन मेग्सेसाय"के



जरिए ही:-
" #फिलिपिंस की राजनीति को पूरी तरह से अपने कब्जे में करने के लिए अमेरिका ने उस जमाने में प्रचार के जरिए उनका राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ‘छवि निर्माण’से लेकर "नॉसियोनालिस्टा पार्टी"का उम्मीदवार बनाने और चुनाव जिताने के लिए करीब 5मिलियन डॉलर खर्च किया था।"
तत्कालीन #CIA
" #फिलिपिंस की राजनीति को पूरी तरह से अपने कब्जे में करने के लिए अमेरिका ने उस जमाने में प्रचार के जरिए उनका राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ‘छवि निर्माण’से लेकर "नॉसियोनालिस्टा पार्टी"का उम्मीदवार बनाने और चुनाव जिताने के लिए करीब 5मिलियन डॉलर खर्च किया था।"

प्रमुख #एलन_डॉउल्स की निगरानी में इस पूरी योजना को उस समय के सीआईए अधिकारी " #एडवर्ड_लैंडस्ले"ने अंजाम दिया था।
इसकी पुष्टि #सन1972 में #एडवर्ड_लैंडस्ले द्वारा दिए गए एक साक्षात्कार में हुई,ठीक केजरीवाल की ही तरह "रेमॉन मेग्सेसाय" की ईमानदार छवि को गढ़ा गया और 'डर्टी ट्रिक्स' के

जरिए विरोधी नेता और #फिलिपिंस के तत्कालीन राष्ट्रपति ‘ #क्वायरिनो’की छवि धूमिल की गई थी।
यह प्रचारित किया गया कि #क्वायरिनो भाषण देने से पहले अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए #ड्रग का उपयोग करते हैं।
रेमॉन मेग्सेसाय की ‘गढ़ी गई ईमानदार छवि’ और #क्वायरिनो की "कुप्रचारित छवि
ने



"रेमॉन मेग्सेसाय"को दो तिहाई बहुमत से जीत दिला दी और अमेरिका अपने #मकसद में कामयाब रहा था।
भारत में इस केजरीवाल बनाम अन्य राजनीतिज्ञों की बीच अंतर दर्शाने के लिए छवि गढ़ने का जो प्रचारित खेल #काँग्रेस
के सहयोग से चल रहा है वह
"अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए"द्वारा अपनाए गए तरीके


"अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए"द्वारा अपनाए गए तरीके
और प्रचार से आज भी बहुत कुछ मेल खाता है।
इसीलिए आजकल #विज्ञापन पर #विज्ञापन उसी श्रेणी का एक हिस्सा ही है
‘रेमॉन मेग्सेसाय’के नाम पर #एशिया में अमेरिकी नीतियों के पक्ष में माहौल बनाने वालों,वॉलेंटियर तैयार करने वालों, अपने देश की नीतियों को अमेरिकी हित में प्रभावित करने



वालों,भ्रष्टाचार के नाम पर देश की चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने वालों को ‘फोर्ड फाउंडेशन’ व ‘रॉकफेलर ब्रदर्स फंड’मिलकर अप्रैल 1957 से ‘रेमॉन मेग्सेसाय’अवार्ड प्रदान कर रही है।"
‘आम आदमी पार्टी’का संयोजक #केजरीवाल और इसके साथी व ‘आम आदमी पार्टी’का ही #मनीष_शिशोदिया को भी वही

‘रेमॉन मेग्सेसाय’पुरस्कार मिला और #सीआईए के लिए फंडिंग करने वाली उसी ‘फोर्ड फाउंडेशन’ के फंड से इनका एनजीओ ‘ #कबीर’और‘ #इंडिया_अगेंस्ट_करप्शन’ मूवमेंट खड़ा हुआ।
भारत में राजनैतिक अस्थिरता के लिए एनजीओ और बहुत से #FakeTRP_के_भूखे_मीडिया_चैनलों में विदेशी फंडिंग आज भी हो रही है







साथ मिलकर #नीदरलैंड भी अपने दूतावासों के जरिए दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में अमेरिकी-यूरोपीय हस्तक्षेप बढ़ाने के लिए वहां की "गैर सरकारी संस्थाओं" यानी #एनजीओ को जबरदस्त फंडिंग करती है।
अंग्रेजी अखबार ‘पॉयनियर’ में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक डच यानी नीदरलैंड दूतावास अपनी ही

एक एनजीओ ‘ #हिवोस’ के जरिए #मोदीजी की "गुजरात सरकार"को अस्थिर करने में लगे हुए थे, विभिन्न भारतीय एनजीओ को अप्रैल 2008 से 2012 के बीच लगभग"13 लाख यूरो"मतलब करीब सवा नौ करोड़ रुपए की फंडिंग कर चुकी थे।
इसमें एक #केजरीवाल का एनजीओ भी शामिल था
#हिवोस’ को फोर्ड फाउंडेशन भी फंडिंग
इसमें एक #केजरीवाल का एनजीओ भी शामिल था

करती है।
"डच एनजीओ ‘ #हिवोस’ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में केवल उन्हीं #एनजीओ को फंडिंग करती है,
जो अपने देश व वहां के राज्यों में अमेरिका व यूरोप के हित में राजनैतिक अस्थिरता पैदा करने की क्षमता को साबित करते हैं।
इसके लिए मीडिया हाउस को भी जबरदस्त फंडिंग की जाती है। एशियाई
"डच एनजीओ ‘ #हिवोस’ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में केवल उन्हीं #एनजीओ को फंडिंग करती है,


इसके लिए मीडिया हाउस को भी जबरदस्त फंडिंग की जाती है। एशियाई
देशों की मीडिया को फंडिंग करने के लिए अमेरिका व यूरोपीय देशों ने ‘ #पनोस’नामक संस्था का गठन कर रखा है।
दक्षिण एशिया में इस समय‘पनोस’के करीब आधा दर्जन कार्यालय काम कर रहे हैं।
‘पनोस’ में भी फोर्ड फाउंडेशन का पैसा आता है।
बताया जाता रहा है कि केजरीवाल के मीडिया उभार के पीछे भी

‘पनोस’ में भी फोर्ड फाउंडेशन का पैसा आता है।
बताया जाता रहा है कि केजरीवाल के मीडिया उभार के पीछे भी
इसी ‘ #पनोस’ के जरिए ‘ #फोर्ड फाउंडेशन’ की फंडिंग काम कर रही थी।
‘सीएनएन-आईबीएन’ व ‘आईबीएन-7’चैनल का प्रधान संपादक #राजदीप_सरदेसाई
@sardesairajdeep ‘ #पॉपुलेशन_काउंसिल’ नामक संस्था का सदस्य है,
जिसकी फंडिंग अमेरिका की वही ‘रॉकफेलर ब्रदर्स’ करती है जो ‘रेमॉन मेग्सेसाय’



पुरस्कार के लिए ‘फोर्ड फाउंडेशन’ के साथ मिलकर फंडिंग करती है।
माना जाता रहा है कि ‘ #पनोस’और ‘ #रॉकफेलर_ब्रदर्स_फंड’ की फंडिंग का ही कमाल है कि #बिकाऊ_राजदीप_सरदेसाई
का अंग्रेजी चैनल ‘सीएनएन-आईबीएन’ व हिंदी चैनल‘आईबीएन-7’न केवल केजरीवाल को ‘ #गढ़ने’में सबसे आगे रहे थे और आज भी हैं,
माना जाता रहा है कि ‘ #पनोस’और ‘ #रॉकफेलर_ब्रदर्स_फंड’ की फंडिंग का ही कमाल है कि #बिकाऊ_राजदीप_सरदेसाई


