#काँग्रेस_के_कुकर्म का जीता जागता #उदाहरण
जो हम सभी के सामने #प्रत्यक्ष_रूप से हम सभी के सामने है
लेकिन फिर भी आजतक हम #हिन्दू इसे नहीं पहचान पा रहे
#काँग्रेसियों_की_मालकिन
#एंटोनियो_माइनो
उर्फ #सोनिया_गाँधी
का वो #सच (भाग-2)जो हमारे बहुत से भाई बहन नहीं जानते*
















तथा








को कहते है.जिसमें "रॉ" या "सीबीआई"या "पुलिस"या कोई और "सरकारी संस्था" #प्रधानमन्त्री या #गृहमंत्री को अपनी रिपोर्ट देती हैं
जबकि राजीव गाँधी सरकार में किसी भी पद पर नहीं था,तब वे सिर्फ़ काँग्रेस का महासचिव था।
राजीव गाँधी चाहता था कि अरुण नेहरू और अरुण सिंह भी"रॉ"की इन बैठकों


राजीव गाँधी चाहता था कि अरुण नेहरू और अरुण सिंह भी"रॉ"की इन बैठकों
में शामिल हों।
"रॉ"के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने दबी जुबान में इस बात का विरोध किया था चूँकि राजीव गाँधी किसी अधिकृत पद पर नहीं था।
लेकिन इंदिरा गाँधी ने"रॉ"से उन्हें इसकी अनुमति देने को कह दिया था,फ़िर भी "रॉ"ने इंदिरा को स्पष्ट कर दिया था कि इन लोगों के नाम इस ब्रीफ़िंग के
"रॉ"के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने दबी जुबान में इस बात का विरोध किया था चूँकि राजीव गाँधी किसी अधिकृत पद पर नहीं था।

रिकॉर्ड में नहीं आएंगे।
उन बैठकों के दौरान राजीव गाँधी सतत "रॉ" पर दबाव डालता रहता था कि वे इटालियन खुफ़िया एजेंसियों से भी गठजोड़ करें।
राजीव गाँधी ऐसा क्यों चाहता था?
या क्या वे इतना अनुभवी था कि उन्हें इटालियन एजेंसियों के महत्व का पता भी चल गया था?
ऐसा कुछ नहीं था, इसके



ऐसा कुछ नहीं था, इसके
पीछे एकमात्र कारण थी सोनिया गाँधी।
राजीवगाँधी ने सोनिया से सन1968 में विवाह किया था, और हालांकि"रॉ"मानती थी कि इटली की एजेंसी से गठजोड़ सिवाय पैसे और समय की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है राजीव लगातार दबाव बनाते रहा
अन्ततः दस वर्षों से भी अधिक समय के पश्चात"रॉ"ने इटली की खुफ़िया

अन्ततः दस वर्षों से भी अधिक समय के पश्चात"रॉ"ने इटली की खुफ़िया
संस्था से गठजोड़ कर लिया।
क्या आप जानते हैं कि"रॉ"और इटली के जासूसों की पहली आधिकारिक मीटिंग की व्यवस्था किसने की?
जी हाँ, सोनिया गाँधी ने।
सीधी सी बात यह है कि वह इटली के जासूसों के निरन्तर सम्पर्क में थीं।
एक मासूम गृहिणी,जो राजनैतिक और प्रशासनिक मामलों से अलिप्त हो और उसके

जी हाँ, सोनिया गाँधी ने।

एक मासूम गृहिणी,जो राजनैतिक और प्रशासनिक मामलों से अलिप्त हो और उसके
इटालियन खुफ़िया एजेन्सियों के गहरे सम्बन्ध हों यह सोचने वाली बात है,वह भी तब जबकि इसने भारत की नागरिकता नहीं ली थी।
प्रधानमंत्री के घर में रहते हुए,जबकि राजीव खुद सरकार में नहीं था।
हो सकता है कि"रॉ"इसी कारण से इटली की खुफ़िया एजेंसी से गठजोड़ करने से कतरा रहे हों..
क्योंकि ऐसे
प्रधानमंत्री के घर में रहते हुए,जबकि राजीव खुद सरकार में नहीं था।
हो सकता है कि"रॉ"इसी कारण से इटली की खुफ़िया एजेंसी से गठजोड़ करने से कतरा रहे हों..

किसी भी सहयोग के बाद उन जासूसों की पहुँच सिर्फ़ "रॉ" तक न रहकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक हो सकती थी।
जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था तब सुरक्षा अधिकारियों ने इंदिरा गाँधी को बुलेटप्रूफ़ कार में चलने की सलाह दी,इंदिरा गाँधी ने अम्बेसेडर कारों को बुलेटप्रूफ़ बनवाने के लिए कहा..


अब आपके आश्चर्य वाली बात ये है कि उस ठेके का बिचौलिया कौन था, #वाल्टर_विंसी,सोनिया गाँधी की बहन अनुष्का का पति
"रॉ"को हमेशा यह शक था कि उसे इसमें कमीशन मिला था



प्रशिक्षण दिये जाने का ठेका मिला और आश्चर्य की बात यह कि इस सौदे के लिये उन्होंने नगद भुगतान की मांग की और वह सरकारी तौर पर किया भी गया।
यह नगद भुगतान पहले एक"रॉ"अधिकारी के हाथों जिनेवा(स्विटजरलैण्ड)पहुँचाया गया
लेकिन वाल्टर विंसी ने जिनेवा में पैसा लेने से मना कर दिया और"रॉ"के
यह नगद भुगतान पहले एक"रॉ"अधिकारी के हाथों जिनेवा(स्विटजरलैण्ड)पहुँचाया गया

अधिकारी से कहा कि वह ये पैसा मिलान(इटली)में चाहता है, विंसी ने उस अधिकारी को कहा कि वह स्विस और इटली के कस्टम से उन्हें आराम से निकलवा देगा और यह "कैश" चेक नहीं किया जायेगा ।
"रॉ" के उस अधिकारी ने उसकी बात नहीं मानी और अंततः वह भुगतान इटली में भारतीय दूतावास के जरिये किया गया।
"रॉ" के उस अधिकारी ने उसकी बात नहीं मानी और अंततः वह भुगतान इटली में भारतीय दूतावास के जरिये किया गया।
इस नगद भुगतान के बारे में तत्कालीन कैबिनेट सचिव #बी०जी०देशमुख ने अपनी हालिया #किताब में उल्लेख किया है,
हालांकि वह तथाकथित ट्रेनिंग घोर असफ़ल रही और सारा पैसा लगभग व्यर्थ चला गया।
इटली के जो सुरक्षा अधिकारी भारतीय एसपीजी कमांडो को प्रशिक्षण देने आये थे उनका रवैया जवानों के

इटली के जो सुरक्षा अधिकारी भारतीय एसपीजी कमांडो को प्रशिक्षण देने आये थे उनका रवैया जवानों के
प्रति बेहद रूखा था,एक जवान को तो उस दौरान थप्पड़ भी मारा गया।
"रॉ"अधिकारियों ने यह बात राजीव को बताई और कहा कि इस व्यवहार से सुरक्षा बलों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और उनकी खुद की सुरक्षा व्यवस्था भी ऐसे में खतरे में पड़ सकती है,घबराये हुए राजीव ने तत्काल वह ट्रेनिंग
"रॉ"अधिकारियों ने यह बात राजीव को बताई और कहा कि इस व्यवहार से सुरक्षा बलों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और उनकी खुद की सुरक्षा व्यवस्था भी ऐसे में खतरे में पड़ सकती है,घबराये हुए राजीव ने तत्काल वह ट्रेनिंग
रुकवा दी,लेकिन वह ट्रेनिंग का ठेका लेने वाले विंसी को तब तक भुगतान किया जा चुका था।
राजीव गाँधी की हत्या के बाद तो सोनिया गाँधी पूरी तरह से इटालियन और पश्चिमी सुरक्षा अधिकारियों पर भरोसा करने लगी।
खासकर उस वक्त जब राहुल और प्रियंका यूरोप घूमने जाते थे
सन 1985 में जब राजीव सपरिवार
राजीव गाँधी की हत्या के बाद तो सोनिया गाँधी पूरी तरह से इटालियन और पश्चिमी सुरक्षा अधिकारियों पर भरोसा करने लगी।
खासकर उस वक्त जब राहुल और प्रियंका यूरोप घूमने जाते थे
सन 1985 में जब राजीव सपरिवार
फ़्रांस गये थे,तब"रॉ"का एक अधिकारी जो फ़्रेंच बोलना जानता था,उनके साथ भेजा गया था,ताकि फ़्रेंच सुरक्षा अधिकारियों से तालमेल बनाया जा सके।
#लियोन(फ़्रांस)में उस वक्त एसपीजी अधिकारियों में हड़कम्प मच गया जब पता चला कि राहुल और प्रियंका गुम हो गये हैं।
भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को

भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को
#विंसी ने बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है,दोनों बच्चे #जोस_वाल्डेमारो के साथ हैं जो कि सोनिया की एक और बहन नादिया के पति हैं।
विंसी ने उन्हें यह भी कहा कि वे वाल्डेमारो के साथ स्पेन चले जायेंगे जहाँ स्पेनिश अधिकारी उनकी सुरक्षा संभाल लेंगे।भारतीय सुरक्षा अधिकारी यह जानकर अचंभित
विंसी ने उन्हें यह भी कहा कि वे वाल्डेमारो के साथ स्पेन चले जायेंगे जहाँ स्पेनिश अधिकारी उनकी सुरक्षा संभाल लेंगे।भारतीय सुरक्षा अधिकारी यह जानकर अचंभित
रह गये कि न केवल स्पेनिश बल्कि इटालियन सुरक्षा अधिकारी उनके स्पेन जाने के कार्यक्रम के बारे में जानते थे। जाहिर है कि एक तो सोनिया गाँधी तत्कालीन प्रधानमंत्री #नरसिम्हारावजी के अहसानों के तले दबना नहीं चाहती थीं, और वे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर विश्वास नहीं करती थीं। इसका एक और
सबूत इससे भी मिलता है कि
एक बार सन 1986 में जिनेवा स्थित "रॉ" के अधिकारी को वहाँ के पुलिस कमिश्नर #जैक_कुन्जी़ ने बताया कि #जिनेवा से दो वीआईपी बच्चे इटली सुरक्षित पहुँच चुके हैं, खिसियाये हुए "रॉ"अधिकारी को तो इस बारे में कुछ मालूम ही नहीं था।
जिनेवा का पुलिस कमिश्नर उस "रॉ"

जिनेवा का पुलिस कमिश्नर उस "रॉ"
अधिकारी का मित्र था,लेकिन यह अलग से बताने की जरूरत नहीं थी कि वे वीआईपी बच्चे कौन थे।
वे कार से वाल्टर विंसी के साथ जिनेवा आये थे और स्विस पुलिस तथा इटालियन अधिकारी निरन्तर सम्पर्क में थे जबकि "रॉ" अधिकारी को सिरे से कोई सूचना ही नहीं थी,
लेकिन ये बात चिंताजनक थी,उस स्विस पुलिस
वे कार से वाल्टर विंसी के साथ जिनेवा आये थे और स्विस पुलिस तथा इटालियन अधिकारी निरन्तर सम्पर्क में थे जबकि "रॉ" अधिकारी को सिरे से कोई सूचना ही नहीं थी,

कमिश्नर ने ताना मारते हुए कहा कि "तुम्हारे प्रधानमंत्री की पत्नी तुम पर विश्वास नहीं करती और उनके बच्चों की सुरक्षा के लिये इटालियन एजेंसी से सहयोग करती है"।
बुरी तरह से अपमानित रॉ के अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी शिकायत की,लेकिन कुछ नहीं हुआ । अंतरराष्ट्रीय खुफ़िया
बुरी तरह से अपमानित रॉ के अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी शिकायत की,लेकिन कुछ नहीं हुआ । अंतरराष्ट्रीय खुफ़िया
एजेंसियों के गुट में तेजी से यह बात फ़ैल गई थी कि सोनिया गाँधी भारतीय अधिकारियों,भारतीय सुरक्षा और भारतीय दूतावासों पर बिलकुल भरोसा नहीं करती है और यह निश्चित ही भारत की छवि खराब करने वाली बात थी
राजीव की हत्या के बाद तो विदेश प्रवास के बारे में विदेशी सुरक्षा एजेंसियाँ






#एसपीजी से अधिक सूचनायें पा जाती थी और भारतीय पुलिस और "रॉ"उनका मुँह देखते रहते थे।
(ओट्टावियो क्वात्रोची के बार-बार मक्खन की तरह हाथ से फ़िसल जाने का कारण समझ में आया?)
उनके निजी सचिव विंसेंट जॉर्ज सीधे पश्चिमी सुरक्षा अधिकारियों के सम्पर्क में रहते थे,"रॉ"अधिकारियों ने इसकी


उनके निजी सचिव विंसेंट जॉर्ज सीधे पश्चिमी सुरक्षा अधिकारियों के सम्पर्क में रहते थे,"रॉ"अधिकारियों ने इसकी
शिकायत #नरसिम्हाराव से की थी,
लेकिन जैसी की उनकी आदत(?)थी वे मौन*साधकर बैठ गये।
संक्षेप में तात्पर्य यह कि,जब एक गृहिणी होते हुए भी वे गंभीर सुरक्षा मामलों में अपने परिवार वालों को ठेका दिलवा सकती है,राजीव गाँधी और इंदिरा गाँधी के जीवित रहते"रॉ"को इटालियन जासूसों से सहयोग करने

संक्षेप में तात्पर्य यह कि,जब एक गृहिणी होते हुए भी वे गंभीर सुरक्षा मामलों में अपने परिवार वालों को ठेका दिलवा सकती है,राजीव गाँधी और इंदिरा गाँधी के जीवित रहते"रॉ"को इटालियन जासूसों से सहयोग करने
को कह सकती है,सत्ता में ना रहते हुए भी भारतीय सुरक्षा अधिकारियों पर अविश्वास दिखा सकती है,तो अब
जबकि सारी सत्ता और ताकत उसके हाथों में थी,
वे क्या-क्या कर सकती थी और बल्कि क्या नहीं कर सकती,
हालांकि "मैं भारत की बहू हूँ" और "मेरे खून की अंतिम बूँद भी भारत के काम आयेगी" आदि

वे क्या-क्या कर सकती थी और बल्कि क्या नहीं कर सकती,

ये यदा-कदा बोलती रहती है,लेकिन यह असली सोनिया नहीं है। समूचा पश्चिमी जगत,जो कि जरूरी नहीं कि भारत का मित्र ही हो,उनके बारे में सब कुछ जानता है।
लेकिन हम भारतीय लोग सोनिया के बारे में कितना जानते हैं??
(भारतभूमि पर जन्म लेने वाला व्यक्ति चाहे कितने ही वर्ष विदेश में रह ले, स्थाई

(भारतभूमि पर जन्म लेने वाला व्यक्ति चाहे कितने ही वर्ष विदेश में रह ले, स्थाई
तौर पर बस जाये लेकिन उसका दिल हमेशा भारत के लिये धड़कता है, और इटली में जन्म लेने वाले व्यक्ति का सोनिया गाँधी, इटली,की खुफ़िया एजेंसी,राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी,सोनिया गाँधी भारत की प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं या नहीं, इस प्रश्न का "धर्मनिरपेक्षता " या "हिन्दू राष्ट्रवाद"या
"भारत की बहुलवादी संस्कृति" से कोई लेना-देना नहीं है।
इसका पूरी तरह से नाता इस बात से है कि उनका जन्म इटली में हुआ,लेकिन यही एक बात नहीं है,सबसे पहली बात तो यह कि देश के सबसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन कराने के लिये कैसे इस पर भरोसा किया जाये...

#काँग्रेस
वाले क्यों नहीं मानते कि सोनिया गाँधी एक शुरू से हमारे देश के खिलाफ दूसरे देशों के लिए एजेंटों में एक थी और आज भी है...
काँग्रेस वालो/से कुछ सवाल इस प्रकार है:-
1. सोनिया गाँधी कितनी पढ़ी-लिखी है?
2. सोनिया गाँधी पर भारतीय गधे राजीव गाँधी का दिल आया था या ये




एक साजिश के तहत राजीव गधे को सोनिया गाँधी के शादी के जाल में फँसाया गया था?
3. राजीव गाँधी की हत्या किसने करवाई???
कसाब को फाँसी दी गयी पर राजीव गाँधी के हत्यारों को अब तक फाँसी क्यों नहीं दी गयी?
4.सोनिया गाँधी के राजीव से शादी होने से पहले किस-किस भारतीय अय्याश के साथ




अवैध सम्बन्ध थे???
5.सोनिया से शादी के बाद राजीव ने अपना धर्मपरिवर्तन किया था,धर्मपरिवर्तन के बाद राजीव गाँधी का नाम क्या था?
6.जितिन प्रसाद,राजेश पायलेट,माधवराव सिंधिया इनमे से किस की हत्या किसने करवायी है?
7.बोफ़ोर्स तोप दलाल क्वात्रोचि के सोनिया के साथ क्या सम्बन्ध थे



व हैं?और अभी तक क्वात्रोचि को भारत सरकार ने गिरफ़्तार क्यों नहीं किया था?
8.सोनिया गाँधी सालाना कितना कमाती है?
सोनिया के कितने ट्रस्ट हैं और गाँधी-नेहरु खानदान के कितने ट्रस्टों पर सोनिया का कब्ज़ा है???
9.सोनिया गाँधी अपनी कमाई का सालाना कितना इनकम टेक्स सरकार को देती है?

सोनिया के कितने ट्रस्ट हैं और गाँधी-नेहरु खानदान के कितने ट्रस्टों पर सोनिया का कब्ज़ा है???





#Decoded




सोनिया गाँधी का वह सच जो आपके होश उड़ा देगा -
http://khulasokiduniya.blogspot.in/2015/05/blog-post_17.html


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