#गाँधी_के_कुकर्म
#काँग्रेस_के_कुकर्म
☝एक बार वाल्मीकि बस्ती के #मंदिर में #गाँधी😠कुरान का पाठ कर रहा था😠
☝लेकिन आजतक कोई भी इस बात का प्रमाण नहीं दे सकता कि किसी #मस्जिद में गीता या #रामायण का पाठ किया हो #गाँधी😠ने😠
☝तभी भीड़ में से एक महिला ने उठकर #गाँधी😠से ऐसा

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करने को मना किया।
#गाँधी😠ने पूछा क्यूँ???
तब उन महिला🙏 ने कहा कि ये हमारे #धर्म के #विरुद्ध है
#गाँधी😠ने कहा. मैं तो ऐसा नहीं मानता😠😠😠
#महिला ने जवाब दिया कि हम आपको #धर्म में #व्यवस्था देने #योग्य नहीं मानते...
#गाँधी😠ने कहा कि इसमें यहाँ #उपस्थित लोगों का मत ले लिया जाये
तब उन #निडर और #साहसी #महिला ने जवाब दिया कि:- #क्या धर्म के विषय में #वोटों से #निर्णय लिया जा सकता है???

#गाँधी😠ने कहा कि आप मेरे #धर्म में #बाधा डाल रही हैं😠😠😠

☝उन #साहसिक_महिला ने जवाब दिया कि आप तो हम #करोड़ों_हिंदुओं के #धर्म में #नाजायज दखल दे रहे हैं...
गाँधी😠ने कहा:मैं तो कुरान सुनूँगा😠😠😠

☝उन निडर महिला ने फिर से कहा और बोली : और मैं तो इसका #विरोध करूँगी🙏🙏🙏
और तब उनके पक्ष में सैकड़ो #वाल्मीकि_युवक खड़े हो गये और कहने लगे कि #मंदिर में कुरान पढ़वाने से पहले किसी मस्जिद में #गीता या #रामायण का पाठ करके दिखाओ तो जानें।
#विरोध बढ़ते देखकर #गाँधी😠 ने #पुलिस(अंग्रेज) बुला ली।
#पुलिस आयी और #विरोध करने वालों को पकड़कर ले गयी और उनके #विरुद्ध_दफा107 का #मुकदमा दर्ज करा दिया गया और इसके पश्चात #गाँधी😠ने #पुलिस_सुरक्षा में उसी #मंदिर में कुरान पढ़ी थी।😠😠😠
यह सब कुछ घटनाक्रम देश के बँटवारे पर लिखी एक पुस्तक जिसका नाम' #विश्वासघात 'से है,जिसके लेखक-गुरुदत्त हैं।

☝इसी प्रकार से #गाँधी😠ने हम #हिन्दुओं को कमजोर करने जे लिए गीता के श्लोक को अधूरा पढ़ाया😠😠😠
सिर्फ"अहिंसा परमो धर्मः"

पूर्ण श्लोक
"अहिंसा परमो धर्मः,धर्म हिंसा तथैव च।
अर्थात- #अहिंसा मनुष्य का #परम_धर्म है,
☝किन्तु #धर्म_की_रक्षा के लिए #हिंसा करना उससे भी #श्रेष्ठ है।

#गांधी😠ने इसी प्रकार एक #प्रसिद्ध #भजन को भी बदल दिया था।
"रघुपति राघव राजा राम"

☝इस प्रसिद्ध-भजन का नाम है:-"राम-धुन"
जो कि बेहद #लोकप्रिय भजन था, #गाँधी😠 ने इसमें परिवर्तन
करते हुए "अल्लाह"शब्द जोड़ दिया।😠😠😠

#गाँधी😠द्वारा किया गया #परिवर्तन और असली भजन कुछ इस प्रकार है:-

#गाँधी😠 का भजन
"रघुपति राघव राजाराम,पतित पावन सीताराम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम😠😠😠
सब को सन्मति दे भगवान..."

☝जबकि असली #राम_धुनभजन
"रघुपति राघव राजाराम,पतित पावन सीताराम
सुंदर विग्रह मेघाश्याम। गंगा तुलसी शालीग्राम।।
भद्रगिरीश्वर सीताराम। भगत-जनप्रिय सीताराम।।
जानकीरमणा सीताराम। जयजय राघव सीताराम"।।

आजकल हम सभी हिन्दू और वक्ता भी इस #भजन को #गलत गाते हैं,
'श्रीराम को सुमिरन'करने के इस भजन को,जिन्होंने बनाया था,उनका नाम था"पंडित लक्ष्मणाचार्यजी"
👉ये भजन "श्री नमः रामनायनम"नामक हिन्दू-ग्रन्थ से लिया गया है।👈
#गाँधी😠 की सोच #हिन्दुओ के प्रति क्या थी आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं...
इस #गांधी😠 के बारे मे मैं क्या कहूँ,अगर इसका बस चलता तो #हिंदूधर्म आज बाकई रहता ही नहीं
धन्य है हमारे #नाथूराम_गोडसेजी❤🙏 जिन्होंने बिल्कुल
सही #वक्त पर इस #गाँधी😠 को गोली मार दी।🙏🙏

नहीं तो ये तो #पाकिस्तान के लिये #कॉरिडॉर के नाम पर हमारे भारतदेश के बींचोंबीच से कई हजार वर्गमीटर जमीन देकर #भारत के और दो टुकड़े करवाने वाला था।😠😠😠

☝ये #गाँधी😠 ऐसा #दोगला था जिसने #पाकिस्तान से आने वाले #हिंदुओ को भरी ठंड में
खाली मस्जिद में भी रुकने नही दिया था।😠😠😠
और #पाकिस्तान में हुए #हिंदू_हत्याकांड का #विरोध करने के बजाय मारने वालो को😠😠😠
अल्लाह के शेर बंदे कहने लगा था।😠😠😠
मैं क्या क्या लिखूं इस के बारे में???
मुझसे भी ज्यादा #लिखने वालो ने तो इसके दोगलेपन पर कई-2 किताबे लिख दी है।🙏
☝और अब आप जिसे राष्ट्रपिता समझते हो, #RTI के खुलासे से वो है ही नहीं ❌❌❌
#वाराणसी के कमलेश कुमार सिंह ने आधिकारिक तौर पर जानकारी के लिए गांधी को कब राष्ट्रपिता का दर्जा मिला ये जानने की चाहत से 13अगस्त को गृहमंत्रालय से #RTI की तहत उसकी जानकारी मांगी,☝लेकिन जब 19नवम्बर को
कमलेश को #RTI के जवाब मिला तो उनके होश उड़ गए।
गृहमंत्रालय की ओर से भेजे गए जवाब में एक लाइन में ये बातें लिखी थी कि'आपके द्वारा मांगी गई जानकारी के सम्बंध में कोई विवरण मंत्रालय के पास उपलब्ध नही है। https://www.google.com/amp/s/navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/varanasi/when-did-bapu-become-the-father-of-the-nation-the-ministry-of-home-affairs-does-not-have-a-document/amp_articleshow/79339378.cms
जब देश की" #बाल_आरटीआई_कार्यकर्ता"ऐश्वर्या पाराशरजी ने #सूचना_के_अधिकार के तहत #केंद्रसरकार से यही सूचना मांगी।तो सरकार ने लिखित तौर पर सूचना दी है कि महात्मा गांधी आधिकारिक रूप से राष्ट्रपिता नहीं हैं और गांधी का जन्मदिवस गांधीजयंती राष्ट्रीय पर्व नहीं है। https://hindi.oneindia.com/news/india/officially-mahatma-gandhi-is-not-father-of-nation-265638.html
महात्मा गांधी को आधिकारिक रूप से राष्ट्रपिता घोषित करने के सवाल पर #गृहमंत्रालय ने #संविधान के अनुच्छेद18(1)का हवाला देते हुए कहा है कि महात्मा गांधी को आधिकारिक रूप से राष्ट्रपिता घोषित नहीं किया गया है।
☝ना जाने कितने प्रमाण मिलेंगे कि #गाँधी😠को हम पर जबरजस्ती थोपा गया है😠😠
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