रोहिंग्या मुसलमान भारत के शरणार्थी नहीं है बल्कि अवैध अप्रवासी हैं। जो भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे हैं। आखिर कौन है ये रोहिंग्या मुसलमान?
#अरकॉन_रोहिंग्या_नेशनल_ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक 1824 से 1948 तक ब्रिटिश राज में भारत और बांग्लादेश से मुस्लिम मजदूरों को
#अरकॉन_रोहिंग्या_नेशनल_ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक 1824 से 1948 तक ब्रिटिश राज में भारत और बांग्लादेश से मुस्लिम मजदूरों को
बर्मा (म्यांमार) में रबड़ और खेती के लिए बसाया गया था।
म्यांमार बोद्ध बहुसंख्यक आबादी वाला देश है और 1980 से मुस्लिम लोगों को म्यांमार की नागरिक नहीं माना जाता है। 2012 से म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों को खदेड़ा जा रहा है। रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश और भारत में अवैध रूप से
म्यांमार बोद्ध बहुसंख्यक आबादी वाला देश है और 1980 से मुस्लिम लोगों को म्यांमार की नागरिक नहीं माना जाता है। 2012 से म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों को खदेड़ा जा रहा है। रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश और भारत में अवैध रूप से
घुसपैठ कर रहे हैं। म्यांमार के अखाइन राज्य जो म्यांमार की उत्तर पश्चिमी सीमा पर बसा है, जहां लगभग 30,000 रोहिंग्या मुस्लिम रहते हैं। 25 अगस्त 2017 में उत्तरी अखाईन में रोहिंग्या चरमपंथी और सुरक्षाबलों में झड़प में 12 सुरक्षाकर्मी मार दिए गए। परिणाम स्वरूप बोद्ध लोगों ने रोहिंग्या
मुसलमानो को खदेडना शुरू कर दिया। म्यांमार सरकार पहले ही रोहिंग्या मुसलमानों को मेडिकल, शिक्षा, आवागमन जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखती आई है।
बांग्लादेश भी अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों से परेशान हो कर खदेड रहा है। भुखमरी और जनसंख्या विस्फोट से त्रस्त बांग्लादेश रोहिंग्या
बांग्लादेश भी अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों से परेशान हो कर खदेड रहा है। भुखमरी और जनसंख्या विस्फोट से त्रस्त बांग्लादेश रोहिंग्या
का भार उठाने में असक्षम है। कोई भी देश रोहिंग्या मुसलमानों को शरण नहीं देना चाहता। रोहिंग्या #सुन्नी मुस्लिम होते हैं। कट्टर पंथी और अशिक्षा की वजह से ये कानुनों का पालन नहीं करते हैं। गरीबी और कट्टरपंथी सोच की वजह से रोहिंग्या कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी संगठनों के इशारे पर किसी
भी आतंकी घटना को अंजाम दे सकते हैं। भारत जैसे विकासशील देश के लिए, जहां सेक्युलरिज्म और वोटबैंक की राजनीति के कारण कोंग्रेस और AAP, AIMIM,TMC जैसे राजनीतिक पार्टियां रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने में लगी है। भारत में जम्मू हैदराबाद दिल्ली मेवात केरला में सक्रिय आतंकी संगठन #PFI
से फंडिंग पा रहे हैं।ये लोग तालिबान और ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों के काम करते हैं। सरकार इन पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे इस्लामिक देश जो म्यांमार के पड़ोसी है, वो भी शरण नहीं देना चाहते हैं।चीन ने भी शरण देने से पहले ही मना कर दिया है
म्यांमार की नोबेल पुरस्कार विजेता #आंग_सान_सू जो मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाती रहती है, म्यांमार में अभी सत्ता में आन सू की पार्टी की सरकार होने पर भी रोहिंग्या लोगों पर चुप्पी रखे हुए है।
#मलाला_यूसुफजई भी रोहिंग्या मुसलमान पर बस चिंता जता कर अपना कर्तव्य पुरा कर चुकी हैं।
#मलाला_यूसुफजई भी रोहिंग्या मुसलमान पर बस चिंता जता कर अपना कर्तव्य पुरा कर चुकी हैं।