जब भगवान शिवजी ने नृसिंह भगवान की क्रोधाग्नि से इस सृष्टि को बचाया !!
शरभ (सर्वेश्वर) शिवजी का अवतार थे जिनका आधा स्वरूप मृग का तथा बाकि शरीर शरभ नामक पक्षी का था जो नरसिंह भगवान को नियंत्रित करने के लिये शिवजी ने लिया था ! आगे पढियें.......
शरभ (सर्वेश्वर) शिवजी का अवतार थे जिनका आधा स्वरूप मृग का तथा बाकि शरीर शरभ नामक पक्षी का था जो नरसिंह भगवान को नियंत्रित करने के लिये शिवजी ने लिया था ! आगे पढियें.......
हरिण्यकश्यप के आतंक से अपने भक्त प्रह्लाद को बचाने विष्णु जी ने नरसिंह अवतार धारण कर हरिण्यकश्यप का वध किया, वध करने के बाद भी जब उनका क्रोध शांत नही हुआ तो समस्त जगत भयभीत हो गया। देवता तक कांपने लगे थे। तब सब ने शिव की शरण ली, यहां शिवजी ने फिर शरभावतार धारण किया !
नृसिंह अवतार के क्रोध को शांत करने के लिये पहले तो शरभावतार ने नृसिंह भगवान जी की स्तुति आरंभ की, फिर क्रोध शांत ना होता देख शिव ने अपना रोद्र रूप दिखाते हुए नृसिंह भगवान को अपनी पूंछ में लपेट लिया व उन्हें ब्रह्मांड में ले उड़े !