एक बार ब्राह्मण के घर की स्त्री स्नान कर रही थी.
तभी संयोग से वहां से ब्राह्मण कुल शिरोमणि वाजीराव पेशवा की सवारी निकल रही थी.
हाथी पर बैठे महाराज वाजीराव पेशवा को घर के अंदर आँगन में स्नान कर रही स्त्री का चेहरा गर्दन तक दिख गया,
तभी संयोग से वहां से ब्राह्मण कुल शिरोमणि वाजीराव पेशवा की सवारी निकल रही थी.
हाथी पर बैठे महाराज वाजीराव पेशवा को घर के अंदर आँगन में स्नान कर रही स्त्री का चेहरा गर्दन तक दिख गया,
संयोग से ब्राह्मण स्त्री की नजर भी पेशवा जी से टकरा गयी .
महाराज वाजीराव पेशवा जी तत्काल हाथी से नीचे उतर पैदल चलने लगे,
साथ चल रहे उनके अंग रक्षक ने हिम्मत जुटा कारण पूछा तो पेशवा जी वोले अनजाने मैने एक ब्राह्मण स्त्री की हत्या कर दी..
महाराज वाजीराव पेशवा जी तत्काल हाथी से नीचे उतर पैदल चलने लगे,
साथ चल रहे उनके अंग रक्षक ने हिम्मत जुटा कारण पूछा तो पेशवा जी वोले अनजाने मैने एक ब्राह्मण स्त्री की हत्या कर दी..
आज के बाद हाथी की सवारी नहीं करुँगा घोड़े की सवारी करुँगा,
और वास्तव में थोड़ी देर बाद खबर मिली की उस ब्राह्मण स्त्री ने लज्जावश प्राण त्याग दिए...
ऐसा रहा ब्राह्मणों का मर्यादित गरिमामय जीवन इतिहास..
और वास्तव में थोड़ी देर बाद खबर मिली की उस ब्राह्मण स्त्री ने लज्जावश प्राण त्याग दिए...
ऐसा रहा ब्राह्मणों का मर्यादित गरिमामय जीवन इतिहास..