दिशाहीन कांग्रेस, भ्रमित कांग्रेस.. !!!
कमजोर है यह कांग्रेस, नेता जुझारू नही। अजी परिवारवाद है, बुड्ढे घाघ नेताओ की जकड़ में है। टैलेंट की कद्र नही, जमीनी कार्यकताओं का मान नही। यूपी में, आंध्र में खत्म हुई, मध्यप्रदेश में खत्म हो रही, राजस्थान में होगी।
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कमजोर है यह कांग्रेस, नेता जुझारू नही। अजी परिवारवाद है, बुड्ढे घाघ नेताओ की जकड़ में है। टैलेंट की कद्र नही, जमीनी कार्यकताओं का मान नही। यूपी में, आंध्र में खत्म हुई, मध्यप्रदेश में खत्म हो रही, राजस्थान में होगी।
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इसको अपॉइंटमेंट नही दिया, उसको मान नही दिया। (1948, 1962, रंगीले चचा, कश्मीर, तुष्टिकरण, हिन्दू राष्ट्र की गप तो खैर इन तर्को के साथ लाजिम है)
तो लब्बोलुआब ये विपक्ष में ताकत नही, अब खत्म हो जाएगी। तमाम विश्लेषण, कमेंट्स, ख्याल, सुझाव, खीझ
आह..
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तो लब्बोलुआब ये विपक्ष में ताकत नही, अब खत्म हो जाएगी। तमाम विश्लेषण, कमेंट्स, ख्याल, सुझाव, खीझ
आह..
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इन सबके बाद और बावजूद कांग्रेस के पक्ष में बात करना, लिखना और बताना जरूरी है।
क्यों??
आपने कहावत सुनी होगी- मजबूरी का नाम महात्मा गांधी.. वो कहावत गलत थी, अब नई और सही कहावत सुनिए-"भारत की मजबूरी है, राहुल गांधी जरूरी है"
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क्यों??
आपने कहावत सुनी होगी- मजबूरी का नाम महात्मा गांधी.. वो कहावत गलत थी, अब नई और सही कहावत सुनिए-"भारत की मजबूरी है, राहुल गांधी जरूरी है"
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राहुल जी और कांग्रेस दोनों जरूरी हैं, क्योंकि गांधी परिवार के बगैर इसका खण्ड खण्ड हो जाना तय है।
अगर आपको यह नापसन्द हो फिरभी इसके बावजूद, अगर जिंदा रहना है तो... आपके अनुसार, इस भ्रमित, परिवारवादी, निठल्ली, कमजोर और मरी हुई कांग्रेस में भूसा भरकर खड़ा किया जाना जरूरी है।
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अगर आपको यह नापसन्द हो फिरभी इसके बावजूद, अगर जिंदा रहना है तो... आपके अनुसार, इस भ्रमित, परिवारवादी, निठल्ली, कमजोर और मरी हुई कांग्रेस में भूसा भरकर खड़ा किया जाना जरूरी है।
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अगर जिंदा रहना है तो..
खेतों में बिजूका खड़ा किया जाता है। भूसे का, इंसानी कपड़े पहनाकर, ताकि पक्षियों को, और इस मामले में गिद्धों को.. लगे कि बीच मे कोई है। जिसके होने से गिद्ध थ्रेट महसूस करें। 130 करोड़ नरमुंडों का मांस नोचने के लिए हमला करने से झिझकें।
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खेतों में बिजूका खड़ा किया जाता है। भूसे का, इंसानी कपड़े पहनाकर, ताकि पक्षियों को, और इस मामले में गिद्धों को.. लगे कि बीच मे कोई है। जिसके होने से गिद्ध थ्रेट महसूस करें। 130 करोड़ नरमुंडों का मांस नोचने के लिए हमला करने से झिझकें।
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इस दौर में आप नया विपक्ष खड़ा नही कर सकते। वह गमले में ही मार दिया जाएगा। तब इन गिद्धों से बचने का कोई मुकम्मल, आदमकद बिजूका आपके पास है, वह कांग्रेस ही है।
2024 दूर है। ज्योतिरादित्य, पायलट, सरकारों का गिरना, जब भी भूलेंगे तो गिद्धों का दल आपको बार बार याद दिलाएगा।
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2024 दूर है। ज्योतिरादित्य, पायलट, सरकारों का गिरना, जब भी भूलेंगे तो गिद्धों का दल आपको बार बार याद दिलाएगा।
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क्योकि आप बेरोजगारी, अर्थव्यस्था, रोजी रोटी और बर्बादी को भूलकर राहुल जी के पोलिटीकल मैनेजमेंट की आलोचना में उलझे रहें, इसी से वे बच सकते है। आपकी उलझन, उनका इंश्योरेंस है।
पॉलिटिक्स और गवर्नेंस, ये दो चीजें बिल्कुल अलग हैं। हम एक समझते है क्योंकि हमें दोनो की समझ नही।
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पॉलिटिक्स और गवर्नेंस, ये दो चीजें बिल्कुल अलग हैं। हम एक समझते है क्योंकि हमें दोनो की समझ नही।
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इसलिए कि जिस एक नेता या दल को हम पसंद या नापसन्द करते है, यह दोनो उसके जीवन के मिलेजुले पहलू हैं।
मूल चेतना की दृष्टि से, कांग्रेस की तासीर गवर्नेस की है, जिसके दायरे में वह पॉलिटिक्स करती है। भाजपा की तासीर पॉलिटिक्स की है, जिससे दायरे वह गवर्नेंस करती है।
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मूल चेतना की दृष्टि से, कांग्रेस की तासीर गवर्नेस की है, जिसके दायरे में वह पॉलिटिक्स करती है। भाजपा की तासीर पॉलिटिक्स की है, जिससे दायरे वह गवर्नेंस करती है।
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यह क्रम उनके फोकस, सोच, नीतियों औऱ क्रियान्वयन से हमे समझ जाना चाहिये।
यह पैरा दोबारा पढ़िए।
और फिर तस्वीर देखिये। पॉलिटिक्स के गिद्धों के सामने, गवर्नेस का (मुर्दा और भूसे से भरा ही सही आपके अनुसार) बिजूका खड़ा करना मेरी, आपकी, हम सबकी जरूरत भी है और मजबूरी भी...
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यह पैरा दोबारा पढ़िए।
और फिर तस्वीर देखिये। पॉलिटिक्स के गिद्धों के सामने, गवर्नेस का (मुर्दा और भूसे से भरा ही सही आपके अनुसार) बिजूका खड़ा करना मेरी, आपकी, हम सबकी जरूरत भी है और मजबूरी भी...
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जब आप सिर्फ एक पैरा समझ जाएंगे, मेरे साथ बिजूके को खड़ा करने के लिए खपच्चियाँ बटोरने लगेंगे क्योकि गिद्ध लंबे भोज को तैयार हैं,
.. क्या आपको जीना है??
#पूर्वजन्म_की_पोस्ट
10/10
.. क्या आपको जीना है??
#पूर्वजन्म_की_पोस्ट
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