अजमेर रेलवे स्टेशन पर एक परिवार बेंच पर बैठा था।बगल में ही एक महिला बुर्का पहने बैठी थी।महिला ने परिवार के लड़के से पूछा अजमेर दरगाह से आये हो?
लड़का: नही,पुष्कर में ब्रह्मा जी के मंदिर के दर्शन करने आया हूँ
महिला: अजमेर शरीफ क्यों नहीं गए
लड़का: आप पुष्कर मंदिर गयी है?
लड़का: नही,पुष्कर में ब्रह्मा जी के मंदिर के दर्शन करने आया हूँ
महिला: अजमेर शरीफ क्यों नहीं गए
लड़का: आप पुष्कर मंदिर गयी है?

महिला: लाहौल विला कुव्वत,इस्लाम में बुतपरस्ती हराम है
लड़का: आपके लिए ब्रम्हाजी का दर्शन हराम है तो मैं दरगाह पर माथा फोड़ने क्यों जाऊ
महिला झल्लाते हुए: देखिये बहन जी,आपका लड़का तो बड़ा बदतमीज हैऐसी मजहबी कट्टरता की वजह से ही तो हमारी कौमी एकता में फूट पड़ती है
लड़का: आपके लिए ब्रम्हाजी का दर्शन हराम है तो मैं दरगाह पर माथा फोड़ने क्यों जाऊ
महिला झल्लाते हुए: देखिये बहन जी,आपका लड़का तो बड़ा बदतमीज हैऐसी मजहबी कट्टरता की वजह से ही तो हमारी कौमी एकता में फूट पड़ती है

माँ मुस्कुराते हुए: कौमी एकता का ठेका तो हम हिन्दुओं ने ही ले रखा है।
ये कहानी जागरण का है।
ये कहानी जागरण का है।
