शीर्षक: चाय वाला
पहले चाय की दुकान पर केवल चाय बिकती थी और वो भी बिलकुल शुद्ध एवं एक नम्बर ।
फिर बिस्कुट, मठरी, टोस्ट भी बिकने लगे।
फिर धीरे धीरे सिगरेट भी बिकने लगी।
फिर किसी ने गुटका बेचने की सलाह दे दी।
फिर कोल्ड ड्रिंक का भी एक काउंटर लग गया।
पहले चाय की दुकान पर केवल चाय बिकती थी और वो भी बिलकुल शुद्ध एवं एक नम्बर ।
फिर बिस्कुट, मठरी, टोस्ट भी बिकने लगे।
फिर धीरे धीरे सिगरेट भी बिकने लगी।
फिर किसी ने गुटका बेचने की सलाह दे दी।
फिर कोल्ड ड्रिंक का भी एक काउंटर लग गया।
फिर एक दिन किसी विभाग के एक अधिकारी परिवार सहित अपनी कार से उधर से गुजरे और गुटका ख़रीदने के लिए वहाँ रुके और सलाह दी की बच्चों के लिए कुरकुरे, चिप्स,नमकीन के पैकेट भी लटका लो, इस नेक सलाह पर भी अमल हुआ।
इतना ब्यवस्थित करने में चाय की क्वालिटी ख़राब गई और ग्राहक आने कम होने लगे।
इतना ब्यवस्थित करने में चाय की क्वालिटी ख़राब गई और ग्राहक आने कम होने लगे।
अब......अब वहाँ कुछ नहीं बिकता और दुकान को बंद करने/ बेचने की बात होने लगी।
इस प्रकरण का सरकारी बैंको से कोई सम्बंध नहीं है
