आज पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार का 2010 में मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र सोशल मीडिया में जारी हुआ है, जिसमें वे APMC में सुधार की वकालत कर रहे हैं।

इशारा ये है कि वे अब राजनीति के चलते पाला बदल रहे हैं।

पर क्या ये सच है? आइए देखें
1/n
पत्र में Draft APMC Rules 2007 की वकालत की गयी है

1. इसमें राज्य सरकार को अधिकार दिया गया है कि किसी मार्केट को स्पेशल मार्केट या स्पेशल कमोडिटी मार्केट घोषित कर सके, जो मार्केट कमेटी के अधीन काम करेगी
2. नए कृषि बिल में कृषि व्यापार को मंडी समिति से दायरे से बाहर कर दिया है।2/n
3.2007 के सुधार अनुसार मार्केट समिति को टैक्स लेवी, फ़ीस एकत्र करने का अधिकार था, जो राज्य के अन्तर्गत था।
4.नए कृषि क़ानून में कोई APMC मंडी या राज्य सरकार टैक्स लेवी या फ़ीस नहीं ले सकती।

(2007 की मार्केट समिति को मंडी समिति की तर्ज़ पर ही सुझाया गया है) 3/n
5.2007 के नियम में विवाद सुलझाने का अधिकार मार्केट समिति के पास है।मंडी समिति में किसानों का प्रतिनिधित्व होता है।
6.नए कृषि क़ानून में ये अधिकार SDM और उससे बड़े अधिकारियों के पास है।
4/n
7.2007 के नियम में कृषि व्यापार का लाइसेन्स देने का अधिकार मार्केट समिति का है।
8.नए कृषि क़ानून में इन कम्पनियों को लाइसेन्स देने का अधिकार केंद्र के पास है, जो कृषि व्यापार संगठन या सहकारी समिति का हिस्सा नहीं हैं।
5/n
9.2007 के नियम में कृषि व्यापार का अधिकार मंडियों के पास है, जो राज्य सरकारों के अधीन हैं।
10.नए क़ानून से जुड़े विषयों में ये अधिकार केंद्र के पास रहेंगे।
6/n
11.2007 के नियम में E-trading एक regulatory सिस्टम के तहत होगी, जो मंडी सिस्टम से जुड़ी होगी।

12.नए नियम में केंद्र सरकार बड़ी कम्पनियों को E-trading की अनुमति दे सकती है, जो मंडी सिस्टम के बाहर होंगी।
7/n
13.2007 के नियम में मार्केट समितियों को कमिशन एजेंट, व्यापारी, ब्रोकर आदि को नियंत्रित करने का अधिकार है।
14.नए क़ानून में जो प्राइवेट कम्पनी कृषि व्यापार से जुड़ेगी, उसके एजेंट, व्यापारी, ब्रोकर मंडी सिस्टम के बाहर होंगे।
8/n
15.2007 नियम मंडी समिति को मज़बूत करते हैं, जिसके तहत MSP की ख़रीद होती है

16.नए क़ानून में मंडी सिस्टम ध्वस्त होता है।APMC को निजी कम्पनी से कोई आय नहीं होगी।चूँकि उन्हे MSP पर ख़रीद करने की बाध्यता नहीं है, इसलिए मंडी सिस्टम ध्वस्त होते पर MSP ख़रीद का ढाँचा भी ख़त्म होता है
17.2007 के नियम जमाख़ोरी रोकने के प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं था।

18.अब Essential Commodity Act भी बदल दिया है। अब अनाज, दालों, प्याज़, आलू, तिलहन वग़ैरा की जमाख़ोरी पर सीमा हटा दी गयी है।
10/n
कम्पनियाँ अब सस्ते में ख़रीद कर स्टॉक तैयार कर सकती हैं, जब चाहें तब बेच सकती हैं। इससे किसान को कम दाम व उपभोक्ता को ज़्यादा क़ीमत देने की स्थिति बना सकती है

सरकार केवल horticulture उत्पाद की रीटेल क़ीमत दुगनी होने या non-perishable खाद्यान्न 50% महंगे होने पर हस्तक्षेप करेगी
अंत में, ये कोई नहीं कहता है कि APMC या मंडी सिस्टम में सुधार की ज़रूरत नहीं है

लेकिन दवा मर्ज़ से भी ज़्यादा घातक हो, ये क्यों हो?

ज़रूरत मंडी सिस्टम को मज़बूत करने, उसे ज़्यादा फैलाने, उसे आधुनिक करने की है, न कि उसे ध्वस्त कर निजी कम्पनियों को कृषि व्यापार सौंपने की है। 12/n
Draft APMC Rules, 2007 को नीचे दिए गए लिंक पर पढ़ सकते हैं:

https://dmi.gov.in/Documents/FinalDraftRules2007.pdf

13/13
You can follow @gurdeepsappal.
Tip: mention @twtextapp on a Twitter thread with the keyword “unroll” to get a link to it.

Latest Threads Unrolled:

By continuing to use the site, you are consenting to the use of cookies as explained in our Cookie Policy to improve your experience.