ये हैं काकोरी के शहीद एक तथ्य जान कीजिए -
नेहरू ने करोड़ों दान किए थे ये आपको पढ़ाया गया
लेकिन इन क्रांतिकारियों का मुकदमा लड़ने के लिए नेहरू के चाहते हुए भी महंगे वकील गोविन्द वल्लभ पंत को फीस नहीं दी जा सकी थी इसलिए मुकदमा बी के चौधरी ने लड़ा।
नेहरू और गांधी भी काबिल वकील थे
नेहरू ने करोड़ों दान किए थे ये आपको पढ़ाया गया
लेकिन इन क्रांतिकारियों का मुकदमा लड़ने के लिए नेहरू के चाहते हुए भी महंगे वकील गोविन्द वल्लभ पंत को फीस नहीं दी जा सकी थी इसलिए मुकदमा बी के चौधरी ने लड़ा।
नेहरू और गांधी भी काबिल वकील थे
क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, रोशन सिंह और अशफाक उल्ला खां को फांसी की सजा सुनाई गई। इस कांड में शामिल दूसरे क्रांतिकारी शचीन्द्रनाथ सान्याल को कालेपानी की सजा हुई। मन्मथनात गुप्त को 14 साल की सजा सुनाई गई। बाकियों को 10, 7 और 5 साल की सजा हुई।
बाद में काबिल वकील नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने,
काबिल महंगे वकील गोविन्द वल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने उसी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है जहां काकोरी कांड हुआ था।
और महान वकील मोहनदास करमचंद राष्ट्रपिता कहे जाते हैं।
वो तो बस क्रांतिकारी थे फांसी पर झूल गए..!!
काबिल महंगे वकील गोविन्द वल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने उसी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है जहां काकोरी कांड हुआ था।
और महान वकील मोहनदास करमचंद राष्ट्रपिता कहे जाते हैं।
वो तो बस क्रांतिकारी थे फांसी पर झूल गए..!!

