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भारत विभाजन का सबसे ज्यादा दंश पंजाब और बंगाल के हिंदुओं और सिखों ने झेला है। सिखों और हिंदुओं की बेटियों का बलात्कार कर बेचा गया और लाखों को मौत के घाट उतारा गया। 1/1
#मियां_का_बच्चा_कभी_न_सच्चा
भारत विभाजन का सबसे ज्यादा दंश पंजाब और बंगाल के हिंदुओं और सिखों ने झेला है। सिखों और हिंदुओं की बेटियों का बलात्कार कर बेचा गया और लाखों को मौत के घाट उतारा गया। 1/1
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विभाजन के बाद से ही भारत में राजनीतिक दलों ने सिखों और हिंदुओं के बीच दीवारें खड़ी करनी शुरू की जबकि मुस्लिमों का तुष्टिकरण किया गया। क्योंकि मुस्लिम एकजुट वोट करता था। 1/2
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मुस्लिमों के लिए भारत में अलग कानूनों की इजाजत रही लेकिन सिख और हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता रहा। कांग्रेस की सरकारों ने सिखों में फूट डालने के लिए उनके सर्वोच्च धार्मिक पीठ अकाल तख्त पर कब्जे की कोशिश की।
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सिखों को भड़काने के लिए पाकिस्तानी मुस्लिमों ने खालिस्तान का जुमला ओहले अमेरिका और कनाडा में उतारा फिर उसे पंजाब के मासूम सिखों ओर थोपा। कांग्रेस ने खालिस्तान को सियासी फायदे के लिए इस्तेमाल किया और अकाली दल को कमज़ोर किया।
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सिखों के पवित्र ग्रन्थ और गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा रचित 'दशम ग्रन्थ' के खिलाफ पाकिस्तान ने खालिस्तानियों के द्वारा भरम फैलाया, क्योंकि इस ग्रन्थ में सिख और हिन्दू परम्पराओं में समानता बताई गई थी। कांग्रेस ने भी इस भरम और झूठ का इस्तेमाल किया।
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कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में जाने वाले भारतीय सिखों में हिंदुओं के प्रति नफरत फैलाने के लिए पाकिस्तान निर्देशित खालिस्तानियों ने 'दशम ग्रन्थ' में छेड़छाड़ कर उसे विवादित बताया गया। ये ईश निंदा के बराबर है।
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सिख धर्म की सर्वोच्च संस्था में व्याप्त राजनीति की वजह से सिख धर्म को पाक एजेंटों द्वारा कट्टर बनाया जाता रहा और हिंदुओं को दुश्मन करार दिया गया। यही वजह है कि 1980 के दशक में पंजाब में 35 हज़ार से ज्यादा हिंदुओं का कत्ल हुआ।
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हैरानी की बात है जिन खालसा सैनिकों ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए सैकड़ों युद्ध और झड़पें की वही 1980 के दशक में हिंदुओं के प्रति इतनी नफरत से भर गए कि कत्लेआम आम हुए। लेकिन किसी ने भी गुरुवाणी को नहीं पढ़ा और पाक का एजेंडा सुनते रहे।
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हैरान करने वाली बात नहीं है कि 2014 के बाद केंद्र के खिलाफ उठे हर आंदोलन में हिन्दू विरोध अहम रहा। पाकिस्तानी एजेंट खुलेआम नक्सलियों और कांग्रेसियों के कंधों का इस्तेमाल करते रहे। मोब लॉन्चिंग, ईंटोलेरेंस, शाहीनबाग, और अब किसान आंदोलन।
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भारत विभाजन का दंश झेलने के बावजूद हिन्दू-सिख आपस में लड़ते रहे और पाकिस्तान ताली बजाता रहा। अरे इतना खून गर्म है आप लोगों का तो साथ आओ और दिल्ली से सीधे ननकाना साहिब कब्जाने की मुहिम छेड़ो। एक एक हिन्दू सिखों की शान के लिए सिर कटाएगा।
#मियां_का_बच्चा_कभी_न_सच्चा
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