कोई भी समाज एक होकर सुनियोजित तरीके से अपनी तरक्की के लिए काम तब करता है , जब उसकी एक स्वतंत्र और रचनात्मक सामाजिक राजनैतिक विचारधारा हो।
दलितों का Ambedkarite Buddhism
जाटों का किसान unionism
मराठी ब्राह्मणों मराठों का हिंदुत्व—
Pic: Chausath Yogini Temple , Kachwaha of Gwalior
दलितों का Ambedkarite Buddhism
जाटों का किसान unionism
मराठी ब्राह्मणों मराठों का हिंदुत्व—
Pic: Chausath Yogini Temple , Kachwaha of Gwalior
— पंजाबी जाटों खत्रियों में सीखी एक राजनैतिक सामाजिक मूवमेंट रहा।
अहीरों ने आर्य समाज के कहने पर यादव मूवमेंट बनाया जिसमें अपने साथ कमारीया, घोशी, गोची जातियों को एक विचारधारा दी - हम सब यादव है।
बंगाली सवर्ण भद्रालोकों की विचारधारा है communism, जिसके नाम पर वे —
अहीरों ने आर्य समाज के कहने पर यादव मूवमेंट बनाया जिसमें अपने साथ कमारीया, घोशी, गोची जातियों को एक विचारधारा दी - हम सब यादव है।
बंगाली सवर्ण भद्रालोकों की विचारधारा है communism, जिसके नाम पर वे —
— सत्ता में बने रहना चाहते हैं, और मीडिया अकेडमीया इत्यादि में दबदबा कायम रखते हैं।
इसी तरह तामील ओबिसियों की विचारधारा है dravidian मूवमेंट।
अब आप बताएं कि हम क्षत्रियों में कौनसी विचारधारा है - सामाजिक और राजनैतिक। (हमारी हर बैठक आध्यात्म की ही होती है, सामाजिक पर नहीं बोलते)
इसी तरह तामील ओबिसियों की विचारधारा है dravidian मूवमेंट।
अब आप बताएं कि हम क्षत्रियों में कौनसी विचारधारा है - सामाजिक और राजनैतिक। (हमारी हर बैठक आध्यात्म की ही होती है, सामाजिक पर नहीं बोलते)
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