1/3 @narendramodi जी, आपसे एक छोटा सा सवाल है।
2014 में सरकार आने के बाद बीजेपी यूपीएससी बच्चों के सपोर्ट में खड़ी थी। लेकिन आज भी हिंदी मीडियम की कॉपी को परीक्षक अंग्रेजी का मॉडल उत्तर पढ़कर चेक करता है।
पिछले 6 वर्षों में बदलाव क्यों नहीं हुआ? आप भी अंग्रेजी मीडियम को बढ़ावा ++
2/3 दे रहे है। आपकी सरकार और यूपीएससी दोनो लगातार ऐसे कदम उठा रहें है जिससे हिंदी बेल्ट के लड़के ब्यूरोक्रेसी में आ ही न पाएं। उनको सुनियोजित तरीके से बाहर किया जा रहा है। अबकी बार हिंदी मीडियम के मेंस में माइनस मार्किंग कर दी गयी। हिंदी मीडियम को लगातार टारगेट किया जा रहा है +
3/3 70 साल में सरकारों ने स्कूल और इंटर कॉलेज में शिक्षा व्यवस्था सही नहीं की है। गांव के बच्चों का शहरी अंग्रेजी मीडियम से कोई तुलना नहीं, और फिर जो संघर्ष करके ऊपर आते है आपकी संस्था और पालिसी उन्हें बाहर कर देती है। ये अन्याय कब तक?

दिल्ली यूनिवर्सिटी पर भी जल्दी लिखूंगा।
Note: सेकेंड ट्वीट में माइनस मार्किंग से तात्पर्य पेनाल्टी द्वारा फालतू का नम्बर काटे जाने से है।
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