🔺जानें क्यों मनाया जाता है #भाईदूज?
इस अति शुभ मुहूर्त में बहनें लगाएं भाइयों को टीका!

•भाई दूज का त्योहार देशभर में 16 नवंबर 2020 यानी आज (सोमवार) को मनाया जाएगा।
•भाई दूज हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
•इस दिन बहनें व्रत, पूजा और कथा आदि.....
करके भाई की लंबी आयु और समृद्धि की कामना करते हुए माथे पर तिलक लगाती हैं।
•इसके बदले भाई उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए तोहफा देता है।

🔺ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भाई दूज के दिन शुभ मुहूर्त में ही बहनों को भाई के माथे पर टीका लगाना चाहिए। मान्यता है कि भाई दूज के दिन पूजा.....
करने के साथ ही व्रत कथा भी जरूर सुननी और पढ़नी चाहिए।
•कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

🚩 #भाईदूज #तिलक #शुभमुहूर्त: भाईदूज का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जायेगा।
•भाई दूज का टीका शुभ मुहूर्त दिन सोमवार12:56 से 03:06 तक है।
🚩 #भाईदूज #कथा-
•भगवान सूर्य नारायण की प्रथम पत्नी संज्ञा से जेष्ठ पुत्र यमराज तथा पुत्री (यमी) यमुना का जन्म हुआ था। इसके अलावा उनके चार और संतानें थीं।
•यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बारबार निवेदन करती थीं कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो।
•अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालते रहते। कार्तिक शुक्ला का दिन आया, यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उनको अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया।
•यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। मेरी बहन जिस...
सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है।
•बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
•उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से
यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया।
•यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करें, उसे तुम्हारा भय न रहे।
•यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमलोक की राह की।
•और इसी दिन से भाईदूज पर्व की परम्परा बन गयी। •शास्त्र कहते हैं कि, जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता।
•इसीलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है।

🔺 #विशेष -
•इस दिन बहनें, अपने भाइयों को उनके मस्तक पर तिलक करें और चावल का भोजन न करें।
•चावल को अक्षत कहते हैं। अक्षत अर्थात, जो अखंडित हो।
•तिलक की परंपरा में मस्तक पर अक्षत लगा कर तिलक पूर्ण करते हैं।
•तिलक सदैव, मस्तक पर ऊपर की ओर (उर्ध्वगामी) लगावें।

🔺 #तिलक लगाने का तरीक़ा; अनामिका उंगली से सर्वप्रथम एक बिंदी लगावें, फिर अपने अंगूठे की सहायता से.....
तिलक को ऊपर ओर खींच दें।
•इसका अर्थ है, आप अपने भाइयों को दीर्घायु का आशीर्वाद प्रदान कर रही हैं।
•भाई को मिष्ठान खिलावें, जिसका अर्थ है, आपके संबंधों में सदैव माधुर्य रहे।
▪नारियल की भेंट देवें। शास्त्रानुसार #नारियल की उत्पत्ति महर्षि विश्वामित्र के द्वारा हुयी।
•नारियल को श्री फल भी कहते हैं। चूँकि, शास्त्रानुसार नारियल का वृक्ष स्वर्ग लोक की सीढ़ी माना जाता है।

🔺भेंट, उपहार ये सभी मात्र आपकी बाह्य प्रसन्नता के उपकरण या कारण हो सकते हैं।
•किन्तु, इनकी वजह से अपने सम्बन्ध कभी ख़राब ना करें।

▪सदैव इस अनमोल प्रेम (भाई-बहन) का...
सम्मान करें।

🔺और एक दूसरे की मंगलकामनाओं के लिए यम (यमराज) और यमी (यमुना) का आव्हान, पूजन-प्रार्थना और आशीर्वाद ग्रहण करें।

@awakenedavi ❤️ May God bless you Bhai! 🙏

"आप #सभी_को मेरी ओर से, आपके प्यारे भाई-बहन और समस्त परिवार को #भाईदूज की असीम #शुभकामनायें।" 🙏🙏😊
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