आज पूरे दिन एक डिस्कशन चला है #grameenbank के साथी कह रहे कि उन्हें स्पोंसर बैंक के बराबर wage मिलना चाहिए और कुछ स्पोंसर बैंक में काम कर रहे मित्रों का कहना है ये नहीं हो सकता! दोनों ही पक्ष emotions ज़्यादा और तथ्य कम उपयोग कर रहे! इस मुद्दे पे ये मेरा तीसरा थ्रेड है!
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आशा है कि पढ़ेंगे!
जो बहस आप कर रहे हैं वो अदालतों में 3 दशक तक चली बहस है! हर बार यही फैसला आया कि उन्हें भी वो सारे अधिकार मिलने चाहिए जो स्पोंसर बैंक में काम कर रहे उनके बराबर के स्केल वालों को मिलता है!
चौंकिएगा नहीं बने रहिए यह जानने के लिए कि क्यों यह न्यायोचित है!
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जो बहस आप कर रहे हैं वो अदालतों में 3 दशक तक चली बहस है! हर बार यही फैसला आया कि उन्हें भी वो सारे अधिकार मिलने चाहिए जो स्पोंसर बैंक में काम कर रहे उनके बराबर के स्केल वालों को मिलता है!
चौंकिएगा नहीं बने रहिए यह जानने के लिए कि क्यों यह न्यायोचित है!
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नीचे लिखे जा रहे सारे तथ्य उन्हीं अदालतों कि जिरह से लिए गए है! ज़्यादातर बातें G Pattnaik और B Agrawal जी की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट में फ़ैसला सुनाते समय जो कहा था उससे लिया गया है!
सरकार और बैंक ने कहा की चूंकि ग्रामीण बैंक स्पोंसर बैंक जितना नहीं कमाता तो उसके जैसी सैलरी
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सरकार और बैंक ने कहा की चूंकि ग्रामीण बैंक स्पोंसर बैंक जितना नहीं कमाता तो उसके जैसी सैलरी
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कैसे दी जा सकती है! कि wage का निर्धारण के समय employer के financial capacity और बैंक के परफॉर्मेंस को ध्यान में रखना ही पड़ेगा!
AIRRBO के वकील ने article 14 का हवाला देते कहा की भेदभाव नहीं किया जा सकता है! AIRRBEA के वकील ने बताया और इस बात पे ग़ौर फरमाइएगा कि
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AIRRBO के वकील ने article 14 का हवाला देते कहा की भेदभाव नहीं किया जा सकता है! AIRRBEA के वकील ने बताया और इस बात पे ग़ौर फरमाइएगा कि
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Nationalized और स्टेट बैंक अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर पाई इसलिए RRB का गठन हुआ था! बातें लंबी है तो जो ऑब्जर्वेशन जज महोदय का था वो बताता हूं!
- तथ्यों के आधार पे इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि ग्रामीण बैंकों कि वज़ह से ग़रीबों का उत्थान और देश का भला हुआ है!
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- तथ्यों के आधार पे इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि ग्रामीण बैंकों कि वज़ह से ग़रीबों का उत्थान और देश का भला हुआ है!
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- nationalized bank की रूरल ब्रांच कि शाखाओं में काम कर रहे बैंकर और ग्रामीण बैंक में काम कर रहे बैंकर exactly समान काम कर रहा है! ऐसे में एंप्लॉयर के paying capacity की वज़ह से भेदभाव नहीं किया जा सकता!
- nationalized bank की रूरल ब्रांच की आमदनी उसी के बग़ल के RRB ब्रांच
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- nationalized bank की रूरल ब्रांच की आमदनी उसी के बग़ल के RRB ब्रांच
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से कम होती है तो ऐसे में इक्विटी को ध्यान में रखना पड़ेगा और financial viability of pay वाला लॉजिक अस्वीकार्य है क्यूंकि RRB ka गठन पैसा कमाने के लिए नहीं देश के ग्रामीण इलाको के उत्थान के लिए हुआ है!
(None other than Chairman of NABARD once stated "ghost of profitability
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(None other than Chairman of NABARD once stated "ghost of profitability
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should not haunt us")
- ग्रामीण बैंक में काम कर रहे emp का pay scale "should be EQUAL to those working in commercial banks as per BPS"
- ग्रामीण बैंक में काम कर रहे बैंकर्स की सैलरी के निर्धारण में उसके बैंक के द्वारा है रहे loss को किसी कीमत पे आधार नहीं बनाया जा सकता!
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- ग्रामीण बैंक में काम कर रहे emp का pay scale "should be EQUAL to those working in commercial banks as per BPS"
- ग्रामीण बैंक में काम कर रहे बैंकर्स की सैलरी के निर्धारण में उसके बैंक के द्वारा है रहे loss को किसी कीमत पे आधार नहीं बनाया जा सकता!
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चूंकि कोर्ट को बनाए गए एक्ट के दायरे में रह कर काम करना होता है इसलिए कोर्ट ने फैसला देते समय सरकार से wage decide करने का अधिकार नहीं लिया!
जो लोग ग्रामीण बैंक में काम कर रहे लोगों को ओछी निग़ाह से देख रहे उन्हें शायद तथ्यों को पढ़ने और समझने की ज़रूरत है!
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जो लोग ग्रामीण बैंक में काम कर रहे लोगों को ओछी निग़ाह से देख रहे उन्हें शायद तथ्यों को पढ़ने और समझने की ज़रूरत है!
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ग्रामीण बैंक में काम कर रहे बैंकर्स चूंकि संख्या में कम हैं इसलिए यह हमारी responsibility है कि इनकी लड़ाई में इनका साथ दें ना की इनका मनोबल कम करें!
और यदि क्लासिस्ट वाली फीलिंग आती हो आपको तो वही बोलूंगा जो मैंने एक बार भरी सभा में CGM साहिब को बोला था:
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और यदि क्लासिस्ट वाली फीलिंग आती हो आपको तो वही बोलूंगा जो मैंने एक बार भरी सभा में CGM साहिब को बोला था:
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आप खाते हो क्यूंकि हम कमाते हैं पर इसका मतलब ये नहीं कि हम आपको अपमानित करें आपका और हमारा काम अलग है पर किसी को किसी को भी अपमानित करने का अधिकार नहीं है!
If we want actual and real growth of the country we must look after those who are less privileged in any terms!
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If we want actual and real growth of the country we must look after those who are less privileged in any terms!
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