A thread on target of hindu festivals. RT for visibility.
कैसे धीरे धीरे करके इन लोगों ने हमारे अंदर हमारे ही त्योहारों के लिए शर्म/अपराध की भावना भर दी।दीवाली के पटाखों को तो अपराध घोषित भी कर दिया। ये हमेशा हमारे संस्कृति और पहचान पर सवाल उठाते रहे, और हमलोग चुप रहे। पर कब तक?
कैसे धीरे धीरे करके इन लोगों ने हमारे अंदर हमारे ही त्योहारों के लिए शर्म/अपराध की भावना भर दी।दीवाली के पटाखों को तो अपराध घोषित भी कर दिया। ये हमेशा हमारे संस्कृति और पहचान पर सवाल उठाते रहे, और हमलोग चुप रहे। पर कब तक?
सबसे पहला त्योहार है नारिवादियो का पसंदीदा है। इसमें हमे हर वर्ष बताया जाता है कैसे इसे मना कर हम महिलाओं को दबाते हैं उनका शोषण करते हैं। इसे तो पितृ सत्ता का प्रतीक बना दिया।
दूसरा हिन्दू त्योहार है होली जिसमें दल्लों के टॉप - लल्लन टॉप ने यहां तक लिख दिया कि हम होली का इंतज़ार इसीलिए करते हैं क्यूंकि हमे अपनी भाभी के ब्लाउज के अंदर हाथ डाल कर फील लेनी होती है। कुल मिला कर पूरा सावधान इंडिया की पटकथा है।
तीसरा है दीवाली भी इनलोगों का पसंदीदा त्योहार है जब ये अपनी नीच मानसिकता दिखाते हैं। इनके कुत्ते डरने लगते हैं,सांस नहीं आती , बहुत पर्यावरण की चिंता होने लगती है इत्यादि।
चौथा त्योहार है दशहरा। इसमें तो आधे लोगों को महिषासुर में अपना बाप नजर आने लगता है, क्या ही बताएं। और आधे लोग हिन्दुओं को ज्ञान देंगे की औरतों को प्रताड़ित करके त्योहार मनाते हो शर्म नहीं आती? नहीं आती भाई क्या करोगे!
पांचवा त्योहार है मकर संक्रान्ति, इसमें तुम्हारी पतंगों से चिड़ियों की जान चली जाती है भले ही ज्ञान देने वाला कितना भी मुर्गे खाता हो रात को, लेकिन ज्ञान देना बहुत जरूरी है। भाई इतना जरूरी है तो कांच लगे धागे बेचना बंद करवाओ लेकिन नहीं।
छठा त्योहार है श्री कृष्ण जन्माष्टमी, ऐसे तो बीफ खाने के लिए लाइन लगा देंगे, दंगे करवा देंगे, प्रोटेस्ट करवा देंगे। लेकिन भाई गाय का दुध निकालने से बहुत तकलीफ़ होती है भाई क्या बताएं तुम्हे! मत करो ये सब।
सातवां त्योहार तो ज्यादा मनाया भी नहीं जाता, दही हांडी। इसको तो सबसे ख़तरनाक त्योहार का दर्जा दे चुके है ये लोग, मुहर्रम में थोड़ी कुछ होता है, सबसे ज्यादा चोट दही हांडी फोड़ने वाले को लगती है। लिख के ले लो भाई।
आंठवा त्योहार है नवरात्रि। इसमें वो लोग तुम्हे बताते हैं कि क्यूं तुम्हे अपने शरीर को नव दिन का उपवास रख के परेशान नहीं करना चाहिए। चिंता मत करो भाई ये लोग सिर्फ तुम्हारा खुशी चाहते हैं, तुम्हारा तकलीफ़ देखा नहीं जाता इनसे।
नवां त्योहार है गणेश चतुर्थी। इसमें उन्हें याद आता है, की नदियों का खयाल रखना चाहिए और हम हिन्दुओं ने नदियों को कितना बर्बाद कर दिया है। भाई ताजिया भी तो जाता है नदी में, लेकिन नहीं बोलोगे ना क्यूंकि काट दिए जाओगे।
दसवा त्योहार है रक्षा बंधन। ये भी नारीवादियों का पसंद का है, अरे भाई छोरी छोरों से कम है के? क्यों कोई स्त्री अपने आप कमजोर कहालवाएगी। अरे भाई कलियुग में सबसे ताकतवर औरतें हैं।
ग्यारहवां त्योहार है जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा। अरे भाई काहे पेड़ों को काटते हो तुम हिन्दू लोग रथ बनाने के लिए? कितना परेशानी का बात है पता है ग्रेटा थंबर्ग अपना स्कूल छोड़ के प्रोटेस्ट कर रही है क्लाइमेट चेंज के लिए। मत करो भाई।
हम ये पढ़ते हैं और भूल जाते हैं। लेकिन अगली पीढ़ी के मन में ये बैठा दिया जाता है जिसमें स्कूल भी अहम भूमिका निभाते हैं। हम एक नई नास्तिक पीढ़ी खड़ी कर रहे जिसको अपने धर्म पर ही सवाल खड़े करना वैज्ञानिक लगता है।
इसलिए इस दीवाली #SayYesToCrackers
इसलिए इस दीवाली #SayYesToCrackers