ध्यान साधना के दौरान प्रकाश का दिखाई देना ।
ध्यान के दौरान आपको विभिन्न प्रकार के प्रकाश दिखाई दे सकते है । सफेद, पीला, लाल, मटमैला, नीला, हरा, मिश्रित, बिजली की चौंध की तरह, चमकते सुर्य की तरह, भभकती अग्नि की तरह प्रकाश आपको दिखाई दे सकता है
ध्यान के दौरान आपको विभिन्न प्रकार के प्रकाश दिखाई दे सकते है । सफेद, पीला, लाल, मटमैला, नीला, हरा, मिश्रित, बिजली की चौंध की तरह, चमकते सुर्य की तरह, भभकती अग्नि की तरह प्रकाश आपको दिखाई दे सकता है
ये सभी प्रकाश हमे भीतर के चिदाकाश मे अपने मानसिक पटल पर दिखाई देते है । यह सभी तरह के प्रकाश हमारे शरीर मे स्थित पंच तत्वों के प्रकाश होते है
हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है और हर तत्व का अपना एक रंग है ।
हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है और हर तत्व का अपना एक रंग है ।
पृथ्वी तत्व का रंग पीला, जल तत्व का रंग सफेद, अग्नि तत्व का रंग लाल, वायु तत्व का रंग मटमैला और आकाश तत्व का रंग नीला होता है । अतः आपके शरीर मे जिस तत्व की भी प्रधानता होगी आपको अधिकतर उसी तत्व के रंग का प्रकाश ध्यान के दौरान नज़र आयेगा ।
पीला और सफेद प्रकाश मुख्यतः सभी साधक अनुभव करते है किन्तु लाल ओर नीला प्रकाश कम ही लोगो को दिखता है ।
ध्यान की आंरभिक अवस्था मे आपको अपनी भृकुटी पर, तृतीय नेत्र पर, सूई की नोक की आकार का सफेद प्रकाश दिखाई पड़ सकता है
ध्यान की आंरभिक अवस्था मे आपको अपनी भृकुटी पर, तृतीय नेत्र पर, सूई की नोक की आकार का सफेद प्रकाश दिखाई पड़ सकता है
धीरे धीरे जब आप ध्यान मे आगे बढेगे तो प्रकाश का ये दर्शन छोटे से बडे रूप मे परिवर्तित होता जायेगा । आपको विशाल रूप मे सफेद प्रकाश दिखाई दे सकता है । आरंभ मे यह प्रकाश दिखाई देना स्थाई नही होगा अपितु जैसे ही प्रकाश दिखाई देगा वैसे ही तुरंत वह गायब भी हो जायेगा ।
किन्तु फिर धीरे धीरे यह प्रकाश अधिक समय के लिये स्थाई रूप से दिखाई देने लगेगा ।
जैसे ही आपको इस प्रकाश के दर्शन होगे आपका अंग अंग रहस्य व रोमांच से भर जायेगा, आपको असिमित आनंद की अनुभुति होगी और आपका दिल होगा की आप इस प्रकाश के दर्शन मे खोये रहे ।
जैसे ही आपको इस प्रकाश के दर्शन होगे आपका अंग अंग रहस्य व रोमांच से भर जायेगा, आपको असिमित आनंद की अनुभुति होगी और आपका दिल होगा की आप इस प्रकाश के दर्शन मे खोये रहे ।
जब आपका ध्यान साधना मे उच्च विकास होने लगेगा तो उसी अनुपात मे आपको प्रकाश दर्शन भी होने लगेगा । अतः जब भी आपको अपनी ध्यान की अवस्था मे प्रकाश दिखाई दे तो समझ जाये की आपकी साधना सही चल रही है और इसको तरक्की का एक चिन्ह माने
प्रकाश का दिखाई देना ये चिन्हित करता है की आप भौतिक चेतना से आगे बढ़ कर सूक्ष्म चेतना मे प्रवेश कर रहे है । यह अति शुभ लक्षण है ।
स्वामी शिवानंद
रवि रूहानी
स्वामी शिवानंद
रवि रूहानी