लोकसभा चुनाव 2019. मई का महीना. देश के कई हिस्सों में चुनाव प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी की जनसभाएं थीं. नरेंद्र मोदी पर आरोप लगे कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया. इसके खिलाफ़ चुनाव आयोग में शिकायत की गई. कुल चार शिकायतें. आरोप थे कि नरेंद्र मोदी ने लातूर और
चित्रदुर्गा में दिए गए भाषण में पहली बार वोट दे रहे लोगों से बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम पर वोट हासिल करने की कोशिश की थी, वहीं वर्धा और नांदेड़ में नरेंद्र मोदी ने बहुसंख्यक बनाम अल्पसंख्यक संबंधी भाषण दिया था.इन शिकायतों की जांच के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव
आयुक्त सुशील चंद्रा और अशोक लवासा की टीम बैठी थी. इन सभी शिकायतों में अशोक लवासा ने असहमति जताई थी, जबकि सुनील अरोड़ा और सुशील चंद्रा ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी थी. मतलब 2-1 के बहुमत से पाया गया कि नरेंद्र मोदी ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था. तत्कालीन बीजेपी
अध्यक्ष अमित शाह के भी भाषणों की भी शिकायत की गई थी. उन्हें भी आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर क्लीन चिट मिल गई थी.आयोग की क्लीन चिट में लवासा की आपत्ति का कोई ज़िक्र नहीं किया गया. उन्होंने लेटर लिखकर मांग की थी कि तीन सदस्यीय आयोग में अगर किसी मुद्दे पर किसी सदस्य का विचार अलग
है, तो उसे भी ऑन रिकॉर्ड किया जाए. वह चाहते थे कि जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बेंच के जजों के अलग-अलग विचारों का फैसले में जिक्र होता है, वैसा ही चुनाव आयोग के मामले में भी हो. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके बाद अशोक लवासा ने आयोग की आदर्श आचार संहिता की मीटिंगों में शामिल
होने से इनकार कर दिया।
इसके बाद लवासा, उनकी पत्नी, बेटे और बेटी को कई तरह के नोटिस भेजे गए. कहा गया कि मोदी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की सज़ा मिल रही है.

साल 2019 में अगस्त के महीने में इनकम टैक्स विभाग ने अशोक लवासा की पत्नी नोवेल लवासा को उनके इनकम टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी के
लिए नोटिस जारी किया. कुछ ही दिनों बाद अशोक लवासा के बेटे अबीर लवासा और उनकी बहन शकुन्तला लवासा भी आयकर विभाग के घेरे में आए बच्चों की डॉक्टर शकुन्तला लवासा को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा. शकुन्तला लवासा ने गुड़गांव में एक अपार्टमेन्ट खरीदा था, इसी अपार्टमेन्ट पर आयकर विभाग ने नोटिस
भेजा. शकुन्तला लवासा ने गुड़गांव में एक अपार्टमेन्ट खरीदा था, इसी अपार्टमेन्ट पर आयकर विभाग ने नोटिस भेजा था. रुपाली बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनायी गई चार मंजिला इमारत में शकुन्तला लवासा ने घर खरीदा, जिसमें पहले से अशोक लवासा और नोवेल लवासा के अपार्टमेन्ट मौजूद थे.हालांकि
आईटी विभाग ने कथित स्टाम्प ड्यूटी चोरी के मामले में अशोक लवासा के परिवार को क्लीन चिट दे दी थी.
दूसरी ओर अशोक लवासा पर आरोप लगे कि नोटबंदी के बाद 4.93 लाख रुपए नकद जमा किया. गुड़गांव में एक इमारत के निर्माण के लिए 46.65 लाख रुपए नकद दिए. साथ ही घरेलू नौकर के बैंक खाते से बिल्डर
को 9.57 लाख रुपए का भुगतान किया. इनकम टैक्स की एक रिपोर्ट में अशोक लवासा पर कई आरोप लगाए गए।
क्या ये सजा है सरकार के खिलाफ अवाज उठाने की?
अंध भक्तों ध्यान से पढ़ना।
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