Recent twitter spat reminded me of Yashwant Rao Holkar's letter on the infighting among Maratha chiefs. I'm sure the words will resonate with any genuine Hindu activist.
Hindi translation:-
"आजतक हम सभीने एक-हृदय होकर हिन्दू-राज्य चलाया। अब कुछ समय से सबके राज्य में गृहकलह
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Hindi translation:-
"आजतक हम सभीने एक-हृदय होकर हिन्दू-राज्य चलाया। अब कुछ समय से सबके राज्य में गृहकलह
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से राज्य-विपर्यास होकर हिन्दू धर्म के नाश का कारण हो रहा है। इसका निराकरण करने के लिए सभीको एक-हृदय होना चाहिए तभी हिन्दू धर्म की [सत्ता] बनी रहेगी। अंग्रेजों से लड़ने का जो क्रम हमने आरम्भ किया है वह यावद्देह चलाने का हमारा मनोरथ है। उसमें परमेश्वर अनुकूल होकर जो करवाए वही।
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"परन्तु एक ही व्यक्ति ऐसा प्रयास करे और बाकी बैठकर तमाशा देखें, मात्र अपना अपना राज्य संभालते रहें, इसका परिणाम क्या होगा? ये विचार करके, जिससे भी हिन्दूधर्म की [सत्ता] बनी रहे और परिणाम अच्छा हो वो करना चाहिए। इसका विचार आप जैसे भी नहीं करेंगे तो और कौन करेगा?"
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@vvaayu
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@vvaayu