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मैनचेस्टर का मैदान और भारत इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच खेल रहा था। मुकाबला इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया क्योंकि इस टेस्ट की चौथी पारी में सचिन ने अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था। मुश्किल घड़ी में सचिन ने उस टेस्ट को बचाते हुए 119 रनों की नाबाद पारी खेली थी।
मैनचेस्टर का मैदान और भारत इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच खेल रहा था। मुकाबला इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया क्योंकि इस टेस्ट की चौथी पारी में सचिन ने अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था। मुश्किल घड़ी में सचिन ने उस टेस्ट को बचाते हुए 119 रनों की नाबाद पारी खेली थी।
मैच में कुल छह शतक लगे थे लेकिन मैन ऑफ द मैच सचिन ही बनें। इस टेस्ट की एक और खास बात थी भारत के सबसे बड़े मैच विनर @anilkumble1074 ने अपना डेब्यू किया था। एलन लैंब उनके पहले शिकार बने थे।
कुंबले ने पहली पारी में 3 विकेट लिए लेकिन फिर विकेट के लिए तरसते रहे।
कुंबले ने पहली पारी में 3 विकेट लिए लेकिन फिर विकेट के लिए तरसते रहे।
टीम से बाहर हुए और फिर 1992 तक कोई मौका नहीं मिला।
फिर 1992 में ईरानी ट्रफी का आयोजन किया गया, दिल्ली के खिलाफ शेष भारत की टीम में थे। मनिंदर सिंह को देखते हुए दिल्ली ने पिच स्पिनरों के लिए बनाया लेकिन खेल कर गए कुंबले। मैच में 13 विकेट लेकर वापसी का डंका बजा दिया।
फिर 1992 में ईरानी ट्रफी का आयोजन किया गया, दिल्ली के खिलाफ शेष भारत की टीम में थे। मनिंदर सिंह को देखते हुए दिल्ली ने पिच स्पिनरों के लिए बनाया लेकिन खेल कर गए कुंबले। मैच में 13 विकेट लेकर वापसी का डंका बजा दिया।