एक राजकुमारी ने रानी को कैसे हराया :-
वो साल था 2019, लोक सभा चुनाव राजसमंद सीट से भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया, चुनाव के 20 दिन पहले अचानक भाजपा नाम डिक्लेयर करती है ,"राजकुमारी दिया कुमारी" ,जयपुर राज परिवार की बेटी सामने राजसमंद से थे कांग्रेसी टिकट पे देवकीनंदन...
वो साल था 2019, लोक सभा चुनाव राजसमंद सीट से भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया, चुनाव के 20 दिन पहले अचानक भाजपा नाम डिक्लेयर करती है ,"राजकुमारी दिया कुमारी" ,जयपुर राज परिवार की बेटी सामने राजसमंद से थे कांग्रेसी टिकट पे देवकीनंदन...
काका ,ये काका उनकी जात नहीं बल्कि राजसमंद के घर घर मे उनका नाम था देवकीनंदन काका राजसमंद के हर घर मे काका के नाम से जाने जाते है,आज भी ।
सब राजस्थान के लोकल पत्रकारों ने राजकुमारी दीया कुमारी की हार बता दी थी,देवकीनंदन काका के सामने बच्ची थी वो ..।
सब राजस्थान के लोकल पत्रकारों ने राजकुमारी दीया कुमारी की हार बता दी थी,देवकीनंदन काका के सामने बच्ची थी वो ..।
ये बात दीया कुमारी भी जानती थी,कि वो हार सकती है चुनाव क्योंकि राजसमंद उनके लिए बाहरी और देवकीनंदन काका ने बाहरी का टैग लगाकर प्रचार किया..वोट से 1 घण्टे पहले तक देवकीनंदन काका करीब 2 लाख वोट से जीते हुए बताए जा रहे थे, सट्टा बाजार से लेकर बड़े बड़े राजनीतिक लोगो की नजर में
नतीजा आया तो सारा खेल पलट चुका था,दीया कुमारी 5 लाख से ज्यादा वोट से जीत चुकी थी,दीया कुमारी ने अपना सारा राज परिवार ताकत और मेवाड़ राजघराने की मदद से चुनाव जीत लिया ।
ये थी कहानी, अब पर्दे की पीछे की कहानी,
दीया कुमारी को राजसमंद से टिकट रानी वसुंधरा राजे ने दिलाई थी...
ये थी कहानी, अब पर्दे की पीछे की कहानी,
दीया कुमारी को राजसमंद से टिकट रानी वसुंधरा राजे ने दिलाई थी...
रानी ,राजकुमारी का पोलिटिकल कैरियर खत्म करने पे तुली थी, वो भाजपा में किसी महिला को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती थी,लेकिन हुआ उसके विपरीत राजकुमारी ने दुश्मन गढ़ पे इस बार खतरनाक तरीके से जीत हासिल करी ,और जाकर दिल्ली बैठ गयी।
अभी आई प्रदेश के भजपाई पदों की लिस्ट में राजकुमारी दीया कुमारी को प्रदेश महामंत्री बना दिया ।
रानी अब कहाँ चुप बैठने वाली थी,रानी अब दिल्ली में है,और भाजपा दीया कुमारी में रानी का रिप्लेस देखती हैं ।
हैरान मत होना अगर भविष्य में दीया कुमारी राजस्थान की मुख्यमंत्री बने तो।
रानी अब कहाँ चुप बैठने वाली थी,रानी अब दिल्ली में है,और भाजपा दीया कुमारी में रानी का रिप्लेस देखती हैं ।
हैरान मत होना अगर भविष्य में दीया कुमारी राजस्थान की मुख्यमंत्री बने तो।
ये राजस्थान कि सियासत है,रानी-राजकुमारी की लड़ाई है,जिसमे कभी रानी आगे तो कभी राजकुमारी आगे,फिलहाल राजकुमारी आगे है और ख़तरनाक तरीके से आगे बढ़ती जा रही है,अब हमला देखना रानी का है, वो दिल्ली है और खेल बदल सकती हैं ।