आज की पीढ़ी ‘असली एनकाउंटर’ कितना भयावह और ख़तरनाक होता है ये भूल ना जाए इसलिए आप सभी के साथ एक कहानी साझा करने आया हूँ। 90 के दशक में मैं नैनीताल का कलेक्टर था और रात में 12 बजे के क़रीब काशीपुर क्षेत्र से आतंकवादियों द्वारा पूरी की पूरी रेलवे लाइन उड़ा देने की खबर आयी।
तत्कालीन SSP शिव नारायण सिंह ने मुझे सूचित किया और PAC समेत मेरे बंगले पर पहुँचे। हमने एक कार्ययोजना बनायी और दो टुकड़ों में काशीपुर के लिए रवाना हुए, मैंने जंगल का रास्ता लिए और CO की एक टीम ने हल्द्वानी मेन रूट का। एक दुखदायी घटना में CO समेत पूरी टीम आतंकियों ने बम से उड़ा दी।
सभी की आँखों में आँसू थे और दिमाग में गुस्सा था, 15 लोगों की टुकड़ी जिसे खुद SSP लीड कर रहे थे उन्होंने उन आतंकवादियों को दोनों तरफ से घेरा और तीन घंटे के अंदर हमने चारों आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया। गोलियाँ दोनों तरफ़ से चलीं और खुद बड़े अधिकारियों ने आपरेशन लीड किया।
उनकी पहुँच का अंदाज़ा इस बात से लगाइए कि इस घटना के बाद IG ने SSP को पुरस्कृत करने की जगह उनका ट्रान्स्फर लेटर जारी कर दिया था। तब मैंने कल्याण सिंह जी के सामने ‘सत्याग्रह’ किया था और अपने इस्तीफ़े की पेशकश की थी। ट्रांसफर लेटर वापिस लिया गया और हमारा ऑपरेशन जारी रहा महीनों।
उस रात CO और टीम के साथ जो हुआ उनका टारगेट मैं और शिवनारायण सिंह थे। वो आज हमारे बीच में नहीं हैं, मैं उनके परिवार का दर्द समझता हूँ। बहुत लम्बे समय तक मैं उन सभी के परिवारों के साथ सम्पर्क में भी रहा। कल जो हुआ वो सिर्फ एक कमजोर स्क्रिप्ट थी और ऐसे हज़ारों बड़े आपरेशनों पर कलंक।
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