#प्रश्न_उत्तर
कल मुझ से किसी ने प्रश्न किया था कि हमको पूजन करते हुये किसी आसन विशेष की क्या आवश्यकता है, ये तो हम ऐसे ही कर सकते हैं?
मैंने उनके प्रश्न का वहाँ समाधान कर दिया था। लेकिन, मुझे लगा कि ऐसा प्रश्न शायद और भी बहुत से लोगों के मष्तिष्क में होगा ही, इसलिये बता रही हूँ।
कल मुझ से किसी ने प्रश्न किया था कि हमको पूजन करते हुये किसी आसन विशेष की क्या आवश्यकता है, ये तो हम ऐसे ही कर सकते हैं?
मैंने उनके प्रश्न का वहाँ समाधान कर दिया था। लेकिन, मुझे लगा कि ऐसा प्रश्न शायद और भी बहुत से लोगों के मष्तिष्क में होगा ही, इसलिये बता रही हूँ।
मैं पहले भी बहुत बार यह कह चुकी हूँ, और आज फिर से कहती हूँ #सनातन_धर्म पूर्णरूप से #वैज्ञानिक_पद्धिति पर आधारित है।
#शंका_समाधान : विज्ञान कहता है कि प्रत्येक ग्रह का अपना गुरुत्वाकर्षण बल होता है, पृथ्वी का भी है। शास्त्र कहते हैं कि हम जब भी किसी ग्रह विशेष या देव विशेष का...
#शंका_समाधान : विज्ञान कहता है कि प्रत्येक ग्रह का अपना गुरुत्वाकर्षण बल होता है, पृथ्वी का भी है। शास्त्र कहते हैं कि हम जब भी किसी ग्रह विशेष या देव विशेष का...
पाठ पूजन (मंत्रोउच्चारण) करते हैं तो हमारी शक्तियाँ (आत्मिक बल) #उर्ध्वगामी होती हैं, अर्थात ऊपर की ओर जाती हैं। क्यूँ कि, प्रत्येक #ग्रह का एक #स्वामी (अधिष्ठित देव) होता है, और उनके मंत्र जाप से हमारे शरीर में जो वेग और तेज उत्पन्न होता है वह, ग्रहों के #गरूत्वाकर्षण के कारण...
हमको ऊपर कि ओर बढ़ाता है। लेकिन यदि हम पृथ्वी पर बिना आसन के बैठेंगे तो, पृथ्वी के गरूत्वाकर्षण बल के कारण मंत्रों से उत्पन्न हमारी #शक्तियां अथवा वेग #अधोगामी हो जायेगा। अर्थात नीचे की ओर जायेगा जिससे हमारा बल #क्षीण हो जायेगा।
अब आप कहेंगे कि #आसन ही क्यूँ? #बिस्तर क्यूँ नहीं?
अब आप कहेंगे कि #आसन ही क्यूँ? #बिस्तर क्यूँ नहीं?
तो उसका भी कारण है, और कारण यह है कि बिस्तर को अपवित्र कहा गया है। लेकिन, क्यूँ?
क्यूँ कि यदि आप अपने बिस्तर को आहार (food), निंद्रा (sleep), मैथुन (sex) में से किसी भी कार्य के लिए प्रयोग में लाते हैं, तो वह आपके शरीर से श्रावित होने वाले पदार्थ जैसे पसीना (sweat), लार (saliva),
क्यूँ कि यदि आप अपने बिस्तर को आहार (food), निंद्रा (sleep), मैथुन (sex) में से किसी भी कार्य के लिए प्रयोग में लाते हैं, तो वह आपके शरीर से श्रावित होने वाले पदार्थ जैसे पसीना (sweat), लार (saliva),
वीर्य (semen) या फिर भोजन के अंश (food particles) से उत्पन्न #रजोगुणी एवं #तमोगुणी #ऊर्जा के कारण उपयुक्त नहीं कहे जाते, किसी भी पूजा-पाठ के लिए।
स्त्रियाँ भी #रजोधर्म (menstruation) के समय जिन बिस्तरों पर शयन करती हैं, वे भी #नकारात्मक ऊर्जा का #संचार करते हैं, आपके #शरीर में।
स्त्रियाँ भी #रजोधर्म (menstruation) के समय जिन बिस्तरों पर शयन करती हैं, वे भी #नकारात्मक ऊर्जा का #संचार करते हैं, आपके #शरीर में।
एक और #विशेष_बात आपकी पूजा का #आसन भी उतना ही #स्वच्छ एवं #पवित्र होना चाहिये, जितने स्वच्छ एवं पवित्र #वस्त्र आप पूजन के समय #धारण करते हैं। इससे आप में #सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आपके आत्मिक बल में वृद्धि होती है।
आशा करती हूँ आपको थ्रेड पसंद आया होगा।
महादेव!
आशा करती हूँ आपको थ्रेड पसंद आया होगा।
महादेव!


गुरुत्वाकर्षण = #Gravitational_Force
उर्ध्वगामी = #Upwards
अधोगामी = #Downwards
क्षीण = #Feeble
आत्मिक बल = #Spiritual_Force
संचार = #Infusion
वेग = #Speed
प्रवाह = #Flow
ऊर्जा = #Energy
@Anshulspiritual @hathyogi31 @mysql_sync @anilkhanna248 @awakenedavi @Itishree001
महादेव
उर्ध्वगामी = #Upwards
अधोगामी = #Downwards
क्षीण = #Feeble
आत्मिक बल = #Spiritual_Force
संचार = #Infusion
वेग = #Speed
प्रवाह = #Flow
ऊर्जा = #Energy
@Anshulspiritual @hathyogi31 @mysql_sync @anilkhanna248 @awakenedavi @Itishree001
महादेव
