आदित्य पंचोली की एक गर्ल फ्रेंड थी

आदित्य रंगोली ही ने उसे काम दिलवाया था

इस लड़की ने फिर ऐसे प्रोड्यूसर के कैम्प में काम किया जिसके खानदान को नेपोटिज़्म का कैम्प कहा जाता है

आदित्य पंचोली की यह गर्लफ्रैंड फिर क्रिटिक रोशन के साथ "काइट्स" मूवी में आई..!!!
क्रिटिक और उसके पिताजी भी आज नेपोटिज़्म का दंश झेल रहे है

जब जिया खान ने आत्महत्या की थी और आदित्य मंगोली के बेटे का नाम आया तो इस लड़की ने आदित्य तंबोली के लड़के के बचाव में बयान दिया!
बल्कि ये लड़ाई व्यक्तिगत और सांप्रदायिक है, अपने अपने फायदे के लिए है और हिन्दू- मुस्लिम जैसी अनेकों पक्षपात की भावनाओं से भरी हुई है

बॉयकॉट खान जैसे हैशटैग्स से उनकी असली नीयत धीरे धीरे साफ भी होती जा रही है

वरना सवाल अक्षय पर भी उठाए जाते, रणदीप के लिए भी आवाजें उठाई जाती..!
इतना ही नहीं, रणदीप हुड्डा ने अपनी इस ड्रीम फिल्म "बैटल ऑफ सारागढ़ी" के लिए ढाई साल तक दाढ़ी बढ़ाई, सिख ग्रंथों और इतिहास को पढ़ा, सिख मार्शल आर्ट्स सीखे और यहां तक कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी दूर रहने लगे थे..!!!
खुदा न खास्ता, रणदीप हुड्डा कुछ गलत कदम उठाते उस तनाव की हालत में तो उसका जिम्मेदार कौन होता ?

जो लड़ाई आज सोशल मीडिया पर दिख रही है, वो नेपोटीज़्म की लड़ाई है ही नहीं..!!!
इस लड़की ने अपना मैनेजर अपनी बहन को रखा हुआ है

और आज यह नेपोटिज़्म के बारे में गहराई में उतर कर गहरी गहरी बाते करती है

इस लड़की का नाम है "कंगना राणावत"

और इसने कनेडियन अक्षय कुमार को कुछ नहीं कहा जब उसने रणदीप हुडा की फ़िल्म को बड़े बैनर के तले लपक लिया था!
रणदीप की सारी मेहनत और उम्मीदें टूट गईं, महीनों तक वो इस सदमे से उबर नहीं सके

क्योंकि ये उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था.... जो कनेडियन चोर अक्षय कुमार की वजह से तबाह हो गया

एक और खास बात कि कनेडियन चोर अक्षय कुमार की "केसरी" फिल्म से सलमान खान भी प्रोडक्शन से शुरू में जुड़े थे..!!!
मगर उन्हें जैसे पता चला कि अजय देवगन भी इसी कॉन्सेप्ट पर कोई फिल्म बना रहे हैं तो उन्होंने केसरी छोड़ दी, क्यूंकि अजय सलमान के अच्छे दोस्त है

नेपोटिज्म की बात करने वाले ये नही देख सकते?

क्या कंगना राणावत सिर्फ चुन चुनकर सवाल उठाएगी
अक्षय कुमार पर भी एक सवाल उठा के देख ले कभी..!
ऐसा नहीं होगा, क्योंकि देशभक्त कुमार और कंगना दोनों के फैंस सेम लोग ही है

रणदीप ने कहा भी था, उनकी दिमागी हालत काफी खराब थी, महीनों तक वो उबर नहीं सके

ये भी कहा आज तक उन्होंने अक्षय कुमार की केसरी फिल्म नहीं देखी, ना ही अबसे देखेंगे..!!!
नेपोटिज़्म के खिलाफ आज जो लोग है वह अपने पिताजी द्वारा बड़ा एक्टर न बन पाने का गुस्सा, बड़े एक्टर के बच्चों पर निकाल रहे है..

नेप्टिज़्म और आरक्षण दोनो में एक ही रोना है ये नही होता तो मैं वो होता..!!!
जबकि रणदीप ने जब अपनी फिल्म घोषित की थी तब उसके 2-3 सालों बाद तक कनेडियन अक्षय कुमार या "केसरी" का कोई अता पता नहीं था

फिर क्या होना था, रणदीप हुड्डा की फिल्म एक बड़े स्टार की फिल्म के आगे हार गई,

और फिल्म बनाने वालों ने रणदीप हुड्डा की फिल्म रोक दी..!!!
You can follow @AacharySahiL.
Tip: mention @twtextapp on a Twitter thread with the keyword “unroll” to get a link to it.

Latest Threads Unrolled:

By continuing to use the site, you are consenting to the use of cookies as explained in our Cookie Policy to improve your experience.