ये नरेंद्र #मोदी का क्रेज ही है कि भारत में लगभग दो करोड़ लोग जो अवैतनिक हैं, जो गैर राजनीतिक हैं, जो किसी संगठन से नही हैं, वो नरेंद्र मोदी को 2019 में यथावत प्रधानमंत्री के पद पर सुशोभित करने हेतु कार्य कर रहे हैं।
#फिर_एक_बार_मोदी_सरकार
#मोदी_सरकार_फिर_से
#फिर_एक_बार_मोदी_सरकार
#मोदी_सरकार_फिर_से
इन्हें यदि आप आईटी सेल वाला, या भाजपा वाला कहते हैं तो आप बुधुत्व को प्राप्त हो चुके हैं।
वास्तविकता यह है कि लोग यह स्वीकार नही कर पा रहे हैं कि लोग स्वतः ही बिना किसी सहायता के, बिना किसी संगठन से जुड़े हुए कैसे आगे निकल कर आ रहे हैं !
वास्तविकता यह है कि लोग यह स्वीकार नही कर पा रहे हैं कि लोग स्वतः ही बिना किसी सहायता के, बिना किसी संगठन से जुड़े हुए कैसे आगे निकल कर आ रहे हैं !
अब तक तो होता यही आया है कि या तो किसी राजनीतिक दल का झंडा उठायें, या चुपचाप बैठकर राजनीतिक तमाशा देखिये और केवल अपना वोट देकर आ जायें;
पर इस बार ऐसा नही है। अब लोग केवल तमाशा नही देखना चाहते, इसलिए आगे आ रहे हैं। क्या लड़के, क्या लड़कियां, क्या युवा और क्या बुजुर्ग ! सब के सब।
पर इस बार ऐसा नही है। अब लोग केवल तमाशा नही देखना चाहते, इसलिए आगे आ रहे हैं। क्या लड़के, क्या लड़कियां, क्या युवा और क्या बुजुर्ग ! सब के सब।
2014 वाला वातावरण पुनः निर्मित करना ही करना है।
अब तक होता यह भी आया है कि मीडिया में बैठे वामपंथी लोग, जातिवादी राजनीतिज्ञ और तथाकथित बुद्धिजीवी लोग एजेंडा सेट करते थे, और लोग उस आधार पर आंकलन कर लेते थे। इस बार ऐसा नही होने देना है।
अब तक होता यह भी आया है कि मीडिया में बैठे वामपंथी लोग, जातिवादी राजनीतिज्ञ और तथाकथित बुद्धिजीवी लोग एजेंडा सेट करते थे, और लोग उस आधार पर आंकलन कर लेते थे। इस बार ऐसा नही होने देना है।
वो क्या एजेंडा सेट करते हैं, उससे हमें लेना देना ही नही है।
वो लाख दिखाएं कि प्रियंका की शक्ल इंदिरा से मिलती है, तो हमें क्या ! हम केवल एक ही बात जानते हैं " #नमो_अगेन "।
वो लाख कहें अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, तो हमें क्या ! हम केवल एक ही बात जानते हैं "नमो अगेन'।
वो लाख दिखाएं कि प्रियंका की शक्ल इंदिरा से मिलती है, तो हमें क्या ! हम केवल एक ही बात जानते हैं " #नमो_अगेन "।
वो लाख कहें अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, तो हमें क्या ! हम केवल एक ही बात जानते हैं "नमो अगेन'।
वो लाख राफेल राफेल चिल्लाएँ, तो हमें क्या !हम एक ही बात जानते हैं " #नमो_अगेन "
वो लाख संविधान खतरे में है का राग अलापें,तो हमें क्या !हम केवल एक ही बात जानते हैं "नमो अगेन"।
रवीश कुमार,राजदीप सरदेसाई आदि क्या कहते हैं,उसकी कोई फिक्र नही।हम केवल इतना ही जानते हैं कि "नमो अगेन"।
वो लाख संविधान खतरे में है का राग अलापें,तो हमें क्या !हम केवल एक ही बात जानते हैं "नमो अगेन"।
रवीश कुमार,राजदीप सरदेसाई आदि क्या कहते हैं,उसकी कोई फिक्र नही।हम केवल इतना ही जानते हैं कि "नमो अगेन"।
#नमो_अगेन क्यो !
तो इसके लिए हम अपने तर्क और तथ्य रखेंगे। किसी और के कहे अनुसार नही चलेंगे। इस बार का एजेंडा हम सेट करेंगे, और वो एजेंडा है "नमो अगेन"।
अभी इस एजेंडे पर काम करने वालों की संख्या दो करोड़ लोगों की है, आगे यह बढ़ती ही जायेगी।
तो इसके लिए हम अपने तर्क और तथ्य रखेंगे। किसी और के कहे अनुसार नही चलेंगे। इस बार का एजेंडा हम सेट करेंगे, और वो एजेंडा है "नमो अगेन"।
अभी इस एजेंडे पर काम करने वालों की संख्या दो करोड़ लोगों की है, आगे यह बढ़ती ही जायेगी।
ये जो मोदी विरोधियों का गिरोह है न, वो ऐसे ही लोगों से भयभीत हुआ बैठा है। वो हमें तोड़ने, विफल करने का प्रयास तो भरपूर करेंगे, और इसमें सर्वाधिक भूमिका फेक न्यूज की होगी, बहुत कुछ ऐसा क्रिएट किया जाएगा जो केवल आपकी आंखों में धूल झोंकने के लिए किया जायेगा;
परन्तु हमें सूझ बूझ से काम लेना है। जो मोमेंटम वापस बन चुका है, वो टूटना नही चाहिए।